पंचायतीराज विभाग की आपत्ति के बावजूद आधी अधूरी ग्राम पंचायतों को नगरीय निकाय सीमा में शामिल करने से नगर विकास विभाग की परेशानी बढ़ गई है। विभाग को मिली 33 जिलों की रिपोर्ट से पता चला कि राजस्व गांव तोड़कर शहरी सीमा में शामिल करने से आधे ग्रामीण तो शहरी हो गए, जबकि आधे न ग्राम पंचायत में रहे और न ही नगर पंचायत में शामिल हो सके। अभी और जिलों की रिपोर्ट आने पर ऐसी शिकायतों की संख्या बढ़नी तय है। नगर विकास विभाग की ओर से प्रदेश में 111 नई नगर पंचायतों का गठन कर 130 नगरीय निकायों का सीमा विस्तार किया गया है। नियमानुसार नगर पंचायत के गठन या नगरीय निकाय के सीमा विस्तार में ग्राम पंचायत में स्थित राजस्व गांव को पूरी तरह निकाय में शामिल किया जाता है। उसे दो खंडों में बांटा नहीं जा सकता है। पंचायतीराज विभाग ने इस पर आपत्ति जताते हुए विभाग ने अपनी रिपोर्ट डीएम को दी। इससे पता चला कि नगर विकास विभाग ने बाराबंकी की सुहेबा नगर पंचायत, बहराइच सहित करीब 16 जिलों में राजस्व ग्राम तोड़कर नगर पंचायत सीमा में शामिल किया है। पंचायतीराज के निदेशक अनुज झा का कहना है कि जो राजस्व गांव तोड़े गए हैं उनके लिए नई ग्राम पंचायत का गठन किया जाएगा। इसके लिए शासन से वार्ता कर प्रस्ताव भेजा जाएगा।
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राजस्व गांव तोड़ने से सिर्फ आधे ग्रामीण ही हुए शहरी
