बलिया: बीते कुछ महीने पहले बलिया में एक बड़े नाव हादसे में कई लोगों की जान चली गई थी. इसे देखते हुए जिला प्रशासन अब सतर्क हो गया है. तमाम नाविकों के लिए प्रशासन की तरफ दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं. जनपद स्तर पर नाव दुर्घटना को रोके जाने के सम्बन्ध में विस्तृत दिशा-निर्देश दिये गये है. गंगा, सरयू और टोंस नदी में जनसमूहों, पशुओं और आवश्यक सामग्री इत्यादि का आवागमन नौका परिवहन द्वारा संचालित होता है. घाटों पर आयोजित होने वाले मेला, मुण्डन संस्कार एवं स्नान पर्व के समय ज्यादातर लोग नाव के सहारे दूसरी ओर जाते हैं. इस बार प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट हो गया है.
डीएम रविंद्र कुमार के द्वारा नाविकों और शुभ कार्य में शामिल होने वाले लोगों के लिए आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए गए हैं. डीएम ने कहा कि जनपद स्तर पर नाव दुर्घटना को रोके जाने के सम्बन्ध कुछ निर्देश जारी किए हैं, जिसका पालन हर किसी को करना है. किसी भी स्थिति में नियम का उल्लंघन भारी पड़ेगा.
ये हैं दिशा-निर्देश
1 – जनपद में रजिस्टर्ड नावों के अलावा किसी भी अन्य का संचालन प्रतिबंधित किया जाए.
2 – रजिस्टर्ड नाव की समय-समय पर सुरक्षा जांच कराकर प्रत्येक नाव पर अधिकतम भार क्षमता यात्रियों की संख्या, नाविक का नाम, नाव मालिक का नाम और नाव की अंतिम जांच तिथि का विवरण पीले रंग से साफ-साफ पढ़ने योग्य साइज में लिखा जाए.
3 – नावों की अधिकतम भार क्षमता का कड़ाई से अनुपालन कराया जाए और पानी के अन्दर नाव के अधिकतम भाग को पीली रेखा से संकेतित किया जाए.
04 – लाइफ जैकेट के अलावा दूसरे आवश्यक उपकरण नाव पर मौजूद होने चाहिए.
05 – सभी नाविक लाइफ जैकेट पहनकर ही नाव में बैठेंगे.
06 – नाव चलाते समय मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए.
07 – सुरक्षा को देखते हुए लाइफ ब्वॉय और लाइफ जैकेट भी पर्याप्त मात्रा में हों. साथ ही तैरने वाले उपकरण भी नाव में उपलब्ध रहें.
08 – किसी भी स्थिति में क्षमता से अधिक यात्री नाव में नहीं होने चाहिए.
09 – खराब मौसम या तेज हवा में नाव का प्रयोग प्रतिबंधित रहेगा.
10 – नदी के किनारे किसी भी कार्यक्रम को आयोजित करने से पहले संबंधित थाने को सूचना देना अनिवार्य होगा.
11- स्थायी एवं अस्थायी दोनों प्रकार के घाटों पर समस्त सुरक्षा निर्देशों का पालन कराया जाए.
12- हर घाट पर एक नोटिस बोर्ड लगाया जाए, जिसमें साफ-साफ घाट का नाम नाम, उसका विवरण, नौका चालन की समय सीमा, इमरजेंसी फोन नंबर लिखा होना चाहिए.
13 – नोटिस बोर्ड पर नाविकों एवं नाव यात्रियों के लिए ‘क्या करें और क्या न करें’ के निर्देश लिखे होने चाहिए.
14 – उत्तर प्रदेश नाव सुरक्षा एवं नाविक कल्याण नीति-2020 के अन्तर्गत गोताखोरों एवं नाविकों को सेफ्टी किट प्रदान कर दी गई है.
15 – नाव के संचालन से लेकर सुरक्षा तक की चर्चा के लिए बैठक जरूर होनी चाहिए.