राज्यसभा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने रविवार को मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह न्यायपालिका पर कब्जा करने का प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ऐसी स्थिति पैदा करने की पूरी कोशिश कर रही है जिसमें राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग दूसरे अवतार में आ जाए. सिब्बल ने कहा, “सरकार का उद्देश्य बिल्कुल स्पष्ट है, वे उच्च न्यायपालिका में न्यायाधीशों की नियुक्ति के अधिकार पर कब्जा करना चाहते हैं. वह चाहते हैं कि उनके शब्द अंतिम हों.” पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, “अगर वे ऐसा करने में कामयाब होते हैं, तो यह लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं होगा.
‘सभी संस्थानों पर सरकार का कब्जा’
न्यूज एजेंसी पीटीआई से सिब्बल ने कहा, “सरकार ऐसी स्थिति बनाने की पूरी कोशिश कर रही है, जिसमें एक बार फिर से सुप्रीम कोर्ट में दूसरे स्वरूप में राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (NJAC) का परीक्षण किया जा सके.” सिब्बल ने कहा, “वैसे भी तमाम संस्थानों पर उनका कब्जा हो गया है. न्यायपालिका स्वतंत्रता का अंतिम गढ़ है. यदि उच्च न्यायपालिका में न्यायाधीशों की नियुक्ति पर अंतिम निर्णय सरकार पर छोड़ दिया जाता है, तो वे इन संस्थानों को ऐसे व्यक्तियों से भर देंगे जिनकी विचारधारा सत्ता में राजनीतिक दल से जुड़ी है.
कॉलेजियम के आलोचक थे सिब्बल
सिब्बल ने कहा, “वह कॉलेजियम प्रणाली के आलोचक थे लेकिन राजनीति के इस मोड़ पर उच्च न्यायपालिका में नियुक्तियों को सरकार को नहीं सौंपा जा सकता है.” बता दें कि सिब्बल जब कानून मंत्री थे, तब खुद भी कॉलेजियम सिस्टम पर सवाल उठा चुके हैं. हालांकि अब वह इस सिस्टम को सही बता रहे हैं. सिब्बल की यह प्रतिक्रिया उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की हालिया टिप्पणी के बाद आई है. उपराष्ट्रपति ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की ओर से एनजेएसी को रद्द करने के फैसले की आलोचना की थी.