मेरठःचौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय परिसर एवं कॉलेजों में संचालित स्नातक, परास्नातक के पाठ्यक्रमों में परिणाम जारी किए गए हैं. उसमें अनोखा नजारा देखने को मिल रहा हैं. प्रैक्टिकल में जहां छात्र-छात्राएं अच्छे नंबर से पास है. वहींं, मुख्य परीक्षा में फेल है. नई शिक्षा नीति के तहत बीए, बीएससी, बीकॉम करने वाले छात्र छात्राएं बड़ी संख्या में परीक्षा में फेल है.
परिणाम से असंतुष्ट होकर छात्र-छात्राएं विश्वविद्यालय में प्रदर्शन भी कर रहे हैं. सबसे हैरानी की बात यह है कि छात्रों के हंगामे के बाद विश्वविद्यालय द्वारा उस परिणाम को वेबसाइट से हटाकर फिर से संशोधित कर अपलोड भी किया जा रहा है. इसी कारण संदेह की स्थिति बनी हुई है.
क्या है नया नियम
नई शिक्षा नीति के तहत स्टूडेंट के 100 नंबर के पेपर को 2 सेक्शन में डिवाइड कर दिया गया. 25 नंबर की इंटरनल एग्जाम कराया जा रहा है . वही 75 नंबर की मुख्य परीक्षा विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित की जाती है. परीक्षा नियंत्रक डॉ अश्विनी कुमार से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि तकनीकी कारणों से परीक्षा परिणाम में गलती हो जाती है तो परिणाम पुनः जारी किया जाता है. मूल्यांकन प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की कोई गड़बड़ी नहीं है.
नई परीक्षा प्रणाली सिस्टम
बताते चलें कि चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय नई शिक्षा नीति को लागू करने वाला पहला विश्वविद्यालय यूपी का बना था. लेकिन छात्र-छत्राएं अभी तक नई परीक्षा प्रणाली सिस्टम को समझ नहीं पाए. हालांकि विश्वविद्यालय द्वारा परीक्षा परिणाम से संबंधित सभी सर्कुलर वेबसाइट पर समय-समय पर जारी किया जाता है . लेकिन छात्र उसे पर ध्यान नहीं दे रहें है.