फोरेंसिक वैज्ञानिकों ने 2000 साल से भी पुरानी एक ममी का चेहरा फिर से बना दिया है. ममी मिस्र की एक गर्भवती महिला की बताई जा रही है. वैज्ञानिकों ने 2D और 3D तकनीक का इस्तेमाल करते हुए ममी का चेहरा बनाया है. मिरर की खबर के मुताबिक, इस ममी को ‘द मिस्ट्री लेडी’ यानी रहस्यमयी महिला के तौर पर जाना जाता है.
माना जाता है कि 20 से 30 की उम्र के बीच 28 हफ्ते की गर्भावस्था में महिला की मौत हो गई थी. अजन्मे बच्चे के साथ वाली यह पहली ममी मानी जाती है. वैज्ञानिकों ने ममी की खोपड़ी और शरीर के अन्य अंगों का परीक्षण यह देखने के लिए किया कि ईसा पूर्व पहली शताब्दी के वर्षों में महिला जीवित थी तो कैसी दिखती थी.
प्रोजेक्ट में शामिल वैज्ञानिक ने दी ये जानकारी
इटली के एक फोरेंसिक मानवविज्ञानी और वॉरसॉ ममी प्रोजेक्ट के सदस्य शॉन्तल मिलानी ने बताया कि हमारी हड्डियां और खोपड़ी किसी व्यक्ति के चेहरे के बारे में बहुत सारी जानकारी देती हैं. हालांकि, इसे एक सटीक चित्र नहीं माना जा सकता है, शरीर रचना संबंधी कई अंगों की तरह खोपड़ी अनोखी है और आकार व पैमाने का एक सेट दिखाती है जो अंतिम चेहरे में दिखाई देगा.
जानकारी के मुताबिक, इस ममी की खोज 1826 में की गई थी और इसे मिस्र से पोलैंड के वॉरसॉ में ले जाया गया था. मिस्ट्री लेडी के शरीर को कपड़े से लपेटा गया था और एक समृद्ध जंतर संग्रह में रखा था ताकि उसके बाद के जीवन को देखा जा सके. फेसबुक पर वॉरसॉ ममी प्रोजेक्ट की एक पोस्ट के अनुसार, ममीफिकेशन के रूप में जानी जाने वाली विधि किसी व्यक्ति को उसके बाद के जीवन को संरक्षित करने के लिए दी गई देखभाल की एक अभिव्यक्ति है.
शॉन्तल मिलानी ने बताई ये बारीकियां
शॉन्तल मिलानी ने आगे कहा, ”हड्डी की संरचना को ढकने वाला चेहरा विभिन्न शारीरिक नियमों का पालन करता है, इसलिए मानक प्रक्रियाओं को इसके पुनर्निर्माण के लिए लागू किया जा सकता है. जैसे कि नाक के आकार को स्थापित करने का उदाहरण ले सकते हैं. सबसे अहम तत्व चेहरे की हड्डियों की सतह पर कई बिंदुओं पर कोमल ऊतकों की मोटाई का पुनर्निर्माण करना है. इसके लिए हमारे पास दुनियाभर की विभिन्न आबादी के सांख्यिकीय आंकड़े हैं.”
फोरेंसिक आर्टिस्ट ह्यू मॉरिसन ने यह कहा
फोरेंसिक आर्टिस्ट ह्यू मॉरिसन ममी का चेहरा बनाने वाले विशेषज्ञों में से एक हैं. उन्होंने कहा, ”किसी व्यक्ति के चेहरे को उसकी खोपड़ी से पुननिर्माण करना आमतौर पर यह बताने के प्रयास में अंतिम उपाय माना जाता है कि वे कौन थे. इसका इस्तेमाल पुरातात्विक और ऐतिहासिक संदर्भ में यह दिखाने के लिए भी किया जा सकता है कि प्राचीन लोग या अतीत के प्रसिद्ध व्यक्ति जीवन में कैसे दिखते होंगे.”
लोग जिज्ञासा से देखते हैं मिस्र की ममीज को
पोलिश एकेडमी ऑफ साइंसेज के एक पुरातत्वविद डॉ. वोज्शिएक एज्समंड ने कहा कि बहुत से लोग प्राचीन मिस्र की ममीज को जिज्ञासा से देखते हैं. वे भूल जाते हैं कि ये एक बार जीवित लोग थे और उनके अपने व्यक्तिगत जीवन में प्यार और त्रासदी थी. उन्होंने कहा कि फोरेंसिक विशेषज्ञ वैज्ञानिक डेटा के लिए चेहरा बनाते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, चेहरे का पुनर्निर्माण केटोवाइस के सिलेसिया संग्रहालय में एक प्रदर्शनी में देखा जा सकेगा.