अमेठी. नई शिक्षा नीति में बदलाव के कारण किताबों और कॉपियों के दाम आसमान छू रहे हैं. ऐसे में अभिभावकों की न सिर्फ जेब ढीली हो रही है, बल्कि उन्हें काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. अभिभावक खासा परेशान दिख रहे हैं और अभिभावकों को जैसे-तैसे मजबूरी में अपने बच्चों को शिक्षा दीक्षा दिलवाने के लिए महंगी किताबों के सहारे ही पढ़ाई करवाना पड़ रहा है. अभिभावक काफी परेशान है और उनकी समस्याओं को सुनने वाला कोई नहीं है.
गौरतलब हो कि हर बार नए सत्र के शुरू होते ही किताबों में कई बदलाव कर दिए जाते हैं. ऐसे में नई किताबें नए सत्र के साथ अनुपयोगी हो जाती है. हैरान कर देने वाली बात यह है कि प्राइवेट विद्यालयों के अध्यापकों द्वारा भी महंगी किताबें और कॉपियां अभिभावकों को बेची जाती हैं. जिससे अभिभावक परेशान होते हैं. अभिभावकों काकहना है कि हर बार किताबों के दामों में बेतहाशा बढोत्तरीहो रही है. जिससे उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. सरकार भी इस पर ध्यान नहीं देती. प्राइवेट विद्यालय के साथ दुकानदारों ने किताबों और कॉपियों के व्यवसाय रोजमर्रा का व्यवसाय बना लिया है. जिससे उन्हें काफी असुविधा होती है. अमेठी जनपद में अभिभावकों ने नई शिक्षा नीति में बदलाव के बाद महंगी किताबों के दामों को लेकर कहा कि हर बार नई नई किताबें आ जाती हैं. पुरानी किताबों की उपयोगिता खत्म हो जाती है. मेरी अपील है कि सरकार किताबों में कोई बदलाव ना करें और सस्ते दामों में किताबों को अभिभावकों तक उपलब्ध कराएं. जिससे उन्हें काफी दिक्कतें जो होती हैं वह ना हो. वही एक और अभिभावक ने कहा कि किताबों के दामों में बेहद बढ़ोतरी हुई है. इसके साथलगातार फीस बढ़ रही है. ऐसे में अभिभावक लगातार सिर्फ परेशान हो रहे हैं और सरकार और प्रशासन इस पर ध्यान नहीं दे रहा. मेरी अपील है कि इस पर ध्यान दिया जाए ताकि बच्चे बेहतर शिक्षा ग्रहण कर सकें.