- बरेली जेल से रिहा किये गए बाहुबली धनंजय सिंह
- अपहरण और जबरन वसूली मामले में हुई थी सजा

जौनपुर धारा,जौनपुर। बुधवार को बाहुबली धनंजय सिंह बरेली सेंट्रल जेल से रिहा कर दिये गये। धनंजय को रंगदारी व अपहरण के मामले में सजा काटने के दौरान हाईकोर्ट से जमानत मिली है। बता दें कि बीते शनिवार को सुबह आठ बजे से उन्हें जौनपुर के जिला कारागार से बरेली जेल शिफ्ट किया गया था, उसी दिन प्रयागराज हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत भी दे दिया था। धनंजय सिंह को अपहरण व रंगदारी के मामले में तत्कालीन जज शरद चंद त्रिपाठी की कोर्ट ने सात मार्च को सजा सुनाई थी। उस मामले में वादी अभिनव सिंघल ने 10 मई 2020 को लाइन बाजार थाने में पूर्व सांसद धनंजय सिंह समेत दो के खिलाफ अपहरण व रंगदारी की प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसके बाद पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था। इस मामले में सोमवार को कोर्ट की सभी औपचारिकताएं पूरी कर मंगलवार को जौनपुर जिला जेल के अधीक्षक एसके पांडेय द्वारा रिहाई का परवाना रेडियो मैसेंजर के जरिए बरेली सेंट्रल जेल को भेज दिया गया था। उन्होंने कहा कि मुकदमा फर्जी है वरना जमानत नहीं मिलती। बता दें कि बहुजन समाज पार्टी ने जौनपुर से धनंजय की पत्नी और जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीकला धनंजय को अपना प्रत्याशी बनाया है। वह अपने क्षेत्र में चुनाव प्रचार में जुटी हुई हैं। धनंजय की रिहाई के साथ ही श्रीकला ने आज अपना नामांकन भी दाखिल कर दिया।
- श्रीकला के एकाएक नामांकन ने लोगों को चौंकाया
जौनपुर।बुधवार को अभिजीत मुहूर्त में दिन 11.30 बजे बसपा प्रत्याशी श्रीकला सिंह ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर दो सेट में पर्चा दाखिल किया। श्रीकला सिंह के साथ नामांकन करने के दौरान कुल पांच लोग थे। इनमें उनके अधिवक्ता बृजभूषण सिंह और प्रस्तावक ब्लॉक प्रमुख संतोष तिवारी के अलावा पीआरओ राजेश कुमार सिंह, बसपा के मंडल प्रभारी राम चंद्र गौतम, जिला अध्यक्ष संग्राम भारती रहे। बिना प्रदर्शन सादगी से श्रीकला के नामांकन दाखिले से प्रशासन के लोग चौंक गये। दरअसल श्रीकला के पर्चा दाखिले की तारीख व शुभ घड़ी यानी मुहूर्त पहले से ही निर्धारित था। इसे गोपनीय इसलिए रखा गया था क्योंकि बढती भीड़ और बेहिसाब वाहनों, संख्या आदि के चलते निर्वाचन आयोग के निर्देशों की अवहेलना होती।