पश्चिमी एशियाई देश तुर्किए और सीरिया में 6 फरवरी को आए भूकंप से भारी तबाही मची. इन दोनों देशों में 44 हजार से ज्यादा लोगों की जानें चली गईं, जबकि लाखों लोग बेघर हो गए. घायलों का आंकड़ा भी 70 हजार से ज्यादा पहुंच गया है. अब भी यहां बहुत-से भूकंप-पीड़ित मदद की आस लगाए हुए हैं. तुर्किए के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने सोमवार (27 फरवरी) को भूकंप से सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्रों में से एक का दौरा किया, जहां एर्दोगन ने बचाव-कार्य में हुई देरी के लिए माफी मांगी. एर्दोगन ने कहा, “भूकंप के विनाशकारी प्रभाव और खराब मौसम के कारण, हम आदियामन में पहले कुछ दिनों तक उस तरह से काम नहीं कर पाए, जैसा हम चाहते थे. मैं इसके लिए माफी मांगता हूं. तुर्किए के आदियामन में भूकंप से बड़ा नुकसान हुआ था. यहां राहत-बचाव कार्य समय पर न मिलने से स्थानीय लोगों में सरकार के प्रति गुस्सा है. आदियामन के एक नागरिक मेहमत यिल्दिरिम ने कहा, “भूकंप के दूसरे दिन दोपहर 2:00 बजे तक मैंने किसी को नहीं देखा.” उसने कहा, “न कोई सरकार, न पुलिस, न कोई सैनिक हम तक पहुंचा. सरकार को शर्म आनी चाहिए! आपने हमें अपने हाल पर छोड़ दिया.
राष्ट्रपति को झेलनी पड़ रही कड़ी आलोचना
एएफपी की रिपोर्ट में बताया गया कि तुर्किए के राष्ट्रपति एर्दोगन को दक्षिण-पूर्व में अदियामन में भूकंप से बचे लोगों की कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. एर्दोगन दो दशकों से सत्ता में हैं और वह राष्ट्रपति के रूप में एक और कार्यकाल की मांग कर रहे हैं. 2018 में पिछले चुनाव में, एर्दोगन ने अपने सेक्युलर विपक्षी प्रतिद्वंद्वी को हराया था. मगर, उसी इलाके में अब लोग एर्दोगन से खफा नजर आ रहे हैं. ऐसे में भूकंप के बाद, एर्दोगन ने आपदा से निपटने में सरकार की “कमियों” को स्वीकार किया है.