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स्वदेशी एंटी-टैंक मिसाइल का पोखरण में सफल परीक्षण

डीआरडीओ ने राजस्थान के पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज में स्वदेशी मैन-पोर्टेबल एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल का सफल परीक्षण किया। इसका वीडियों भी जारी किया गया है।

भविष्य में इसे मुख्य युद्धक टैंक अर्जुन में भी तैनात किया जाएगा। पोखरण के परीक्षण में एमपीएटीजीएम ने पूरी सटीकता के साथ टारगेट पर निशाना लगाया। इस स्वदेशी एंटी-टैंक मिसाइल में टैंडम हाई एक्सप्लोसिव एंटी-टैंक हथियार लगा है, जो अत्याधुनिक एक्सप्लोसिव रिएक्टिव आर्मर कवच वाले बख्तरबंद वाहनों को छेद सकता है। यानी आज के जमाने का कोई टैंक या बख्तरबंद वाहन इससे बच नहीं सकता। फिलहाल इसके ट्रायल्स पूरे हो चुके हैं. इसका वजन 14.50व्ु है। लंबाई 4.3 फीट है। इसे दागने के लिए दो लोगों की जरूरत होती है। इसकी रेंज 200 मीटर से लेकर 2.50व्स् है। इसमें टैंडम चार्ज हीट और पेनेट्रेशन वॉरहेड लगा सकते हैं। सेना में इसके शामिल होने के बाद प्रâांस में बनी मिलन-2टी और रूस में बनी कॉन्कर्स एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलों के पुराने वर्जन को हटाया जाएगा। भारतीय सेना के पास स्पाइक श्R और स्पाइक एलआर एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलों की संख्या 400 से ज्यादा है। वहीं, भारतीय एयरफोर्स ने श्ग्-17 हेलिकॉप्टर्स के लिए स्पाइक-एनएलओएस मंगाए हैं। स्पाइक को इजरायल ने बनाया है। 9 से ज्यादा युद्धों में उपयोग किया जा चुका है। भारतीय सेना के पास 34 हजार मिलन 2टी मैन पोर्टेबल एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलें हैं। इसे प्रâांस और भारत ने मिलकर बनाया है। यह 1972 से दुनिया भर के अलग-अलग देशों में उपयोग की जा रही है। अब तक इसकी 3.50 लाख से ज्यादा यूनिट्स बन चुके हैं।  भारतीय सेना के पास 25 हजार 9श्119 एन्ग्r एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलें हैं। इसे रूस ने बनाया था। लेकिन अब इसका निर्माण भारत में ही हो रहा है। इसे भारत, रूस, चीन, सर्बिया और दक्षिण कोरिया की सेनाएं उपयोग कर रही हैं। एक मिसाइल का वजन 16.5 से 17.2 किलोग्राम है। इसमें 4.5 किलोग्राम का टैंडम हॉलो चार्ज वॉरहेड लगता है। इसकी फायरिंग रेंज 4 से 5 किलोमीटर है। यह करीब 980 किलोमीटर प्रति घंटा होती है। इसे 125मिलिमीटर स्मूथबोर गन से लॉन्च किया जाता है। भारत के पास रूस की बनाई ये एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल 15,140 की संख्या में मौजूद हैं। इन्हें भारतीय सेना ने बीएमपी-2 इन्फैन्ट्री वाहनों पर तैनता करने के लिए मंगाया था। हालांकि ये ट्राइपॉड से भी दागी जा सकती है और कंधे से भी. इसे 1970 में डिजाइन किया गया था। इसकी मिसाइल का वजन 14.6 किलोग्राम है। लॉन्चिंग पोस्ट का वजन 22.5 किलोग्राम है। मिसाइल की लंबाई 45 इंच है। इसमें 2.7 किलोग्राम हीट वॉरहेड लगाया जाता है।

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