गाजियाबाद. प्रदेश सरकार की औद्योगिक नीति का असर राज्य के उद्योगों पर देखा जा सकता है. सरकार प्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए नए नए कदम उठा रही है. यही वजह है कि गाजियाबाद की जिले की औद्योगिक इकाइयों में तैयार उत्पादों की विदेशों में मांग बढ़ती जा रही है. पिछले पांच सालों में निर्यात में 35 फीसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज की गयी है. गाजियाबाद जिले में छोटी बड़ी मिलाकर 28000 के करीब औद्योगिक इकाइयां हैं. आंकड़ों के अनुसार बीते एक साल में 15125 करोड़ के उत्पादों का निर्यात हुआ है. इसमें 6000 करोड़ का इंजीनियरिंग उत्पादों का है. इंजीनियरिंग उत्पादों से जुड़ी इकाइयों में तैयार होने वाले रिंग्स पिस्टंस, शुगर मिल उपकरण, ऑटो पार्ट्स की मांग सबसे ज्यादा है. एक साल के भीतर 3500 करोड़ के टेक्सटाइल उत्पाद, 3500 करोड़ में फ्रोजन फूड और फिर 2125 करोड़ में इलेक्ट्रॉनिक्स, हैंडीक्राफ्ट व अन्य उत्पाद शामिल हैं. इन उत्पादों की यूरोप, अमेरिका, अफ्रीका के साथ एशियाई देशों में काफी मांग है. उद्यमियों को सरकार के प्रोत्साहन और नीतियों का पूरा लाभ मिल रहा है. निर्यात से जुड़े दस्तावेज हो या फिर विधिक सहायता, केंद्र, प्रदेश व जनपद स्तर पर खुले निर्यात केंद्रों से उद्यमियों को हरसंभव मदद मिल रही है. गाजियाबाद के उपायुक्त उद्योग श्रीनाथ पासवान के अनुसार उद्योगों को प्रोत्साहन और निर्यात को बढ़ावा देने की सरकार की नीतियों का सकारात्मक असर दिख रहा है. इज ऑफ डूइंग बिजनेस के चलते अब उद्यमियों की कई बाधाएं समाप्त हो गई हैं. तत्काल क्लेम हासिल होने के साथ जनपद स्तर पर निर्यात सहायता केंद्रों से हर तरह की मदद मिल रही है.
पिछले पांच साल के निर्यात के आंकड़े
वर्ष 022-23 : 15125
वर्ष 2021-22 : 11750
वर्ष 2020-21 : 10367
वर्ष 2019-20 : 10250
वर्ष 2018-19 : 9875