ब्रिटिश दवा कंपनी अस्ट्राजेनेका ने मंगलवार ऐलान किया कि वो अपनी कोविड-19 वैक्सीन ‘कोविशील्ड’ को दुनियाभर से वापस ले रही है। कम्पनी का यह फैसला वैक्सीन को लेकर चल रहे विवाद के कुछ दिनों बाद ही आया है। कोविशील्ड वैक्सीन को लेकर बवाल है कि इसे लगवाने वालों में एक दुर्लभ साइड इफेक्ट हो सकता है। जिसे थ्रोम्बोसिस विथ थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम कहते हैं। टीटीएस एक ऐसी कंडीशन है जिसमें प्लेटलेट्स काउंट कम हो जाते हैं और ब्लड क्लॉट यानी खून के थक्के जम जाते हैं। टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी का कहना है कि वैक्सीन को वापस लेने की वजह ये है कि अब ‘अधिक अपडेटेड वैक्सीन की अधिकता’ हो गई है। दवा कम्पनी ने पहले कोर्ट के दस्तावेजों में ये स्वीकार किया था कि उनकी वैक्सीन से खून के थक्के जमने और प्लेटलेट्स कम होने जैसे साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। खैर, बाजार में उपलब्ध विभिन्न कोरोना वैक्सीन लगवाने के बाद शुरू से कई साइड इफेक्ट्स देखने को मिल रहे हैं। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एण्ड प्रिवेंशन के अनुसार, कोरोना का टीका लगवाने के बाद से अब तक ये 5 गंभीर साइड इफेक्ट्स देखने को मिले हैं। कोविड-19 वैक्सीन लगवाने के बाद एनाफिलेक्सिस होना बहुत ही कम होता है। इसकी संभावना लगभग दस लाख वैक्सीन की खुराक में से सिर्फ 5 मामलों जितनी ही है। एनाफिलेक्सिस एक गंभीर एलर्जिक रिएक्शन है, जो किसी भी तरह के टीकाकरण के बाद हो सकती है।
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विवाद के बाद अब वापस होंगी सारी कोविशिल्ड वैक्सिन

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