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रूस का दावा : अमेरिका यूक्रेनी बायो-लैब को फंड देकर बनवा रहा जहरीले हथियार

Russia Ukraine Conflict: रूस-यूक्रेन के बीच सालभर से जारी जंग खत्‍म होने का नाम नहीं ले रही. रूसी सरकार का कहना है कि ये जंग अमेरिका और उसके सहयोगियों ने शुरू करवाई थी. अब रूस ने एक और बड़ा दावा कर दिया है. रूस का कहना है कि यूक्रेन में बने बायोकेमिकल लैब को अमेरिका फंडिंग दे रहा है. जहां बायोलॉजिकल और केमिकल हथियार तैयार किए जा रहे हैं.

व्‍लादिमीर पुतिन की अगुवाई वाली सरकार के रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को कहा, “हमारे पास इस बात के साक्ष्य हैं कि अमेरिका यूक्रेन में बायोकेमिकल लैब को फंडिंग दे रहा है और, उस लैब में सैन्य जैव गतिविधियां संचालित की जा रही हैं.” रूसी मिलिट्री कमांडर ने कहा, ”वे घातक बायोलॉजिकल और केमिकल वेपन तैयार कर रहे हैं.”

रूस का अमेरिका पर गंभीर आरोप

रूस के आरोपों पर अमेरिकी सरकार ने फिलहाल तो कुछ नहीं कहा है, हालांकि यूक्रेन जंग शुरू होने के बाद से रूस दावा करता रहा है कि अमेरिका यूक्रेन में कई लैब संचालित कर रहा है. अमेरिकी सरकार ने उस बात को माना भी था, लेकिन रूस का हालिया दावा अमेरिका कभी नहीं मानेगा. क्‍योंकि, रूस ने अमेरिका पर बायोलॉजिकल और केमिकल वेपन तैयार करने का आरोप लगाया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिकी सरकार के कई आधिकारिक बयानों में कहा गया कि जिन लैब को अमेरिका ने फंडिग की थी, उनको डि-एक्टिवेट कर दिया गया है.

‘यूक्रेन के अंदर खतरनाक क्रियाकलाप किए जा रहे’ 

रूसी रक्षा मंत्रालय के हवाले से न्‍यूज एजेंसी Tass.com की रिपोर्ट में बताया गया कि मॉस्को में वॉशिंगटन के इंटरनेशनल पैथोजिन रिसर्च प्रोग्राम पर रिपोर्ट पेश की गई है. जहां रूस के न्यूक्लियर, बायोलॉजिकल और कैमिकल डिफेंस फोर्सेस के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल इगोर किरिलोव ने कहा कि यूक्रेन के अंदर अमेरिका द्वारा संचालित लैब में खतरनाक पैथोजिन का इस्तेमाल किया जा रहा है. इगोर किरिलोव ने कहा, “हमें कई डॉक्यूमेंट्स मिले हैं जिनसे साफ होता है कि अमेरिका और यूक्रेन मिलकर बायो-लैब में काम कर रहे हैं. रूसी लेफ्टिनेंट जनरल इगोर ने अपने यहां के अधिकारियों को चेताया है कि अमेरिका और यूक्रेन लैब में हो रही रिसर्च को रूस के खिलाफ इस्तेमाल कर सकते हैं. उन्‍होंने कहा है कि लैब में यूज हो रहे इन खतरनाक पैथोजेन्स से कॉलरा (हैजा) जैसी बीमारियां हो सकती हैं. साथ ही कई तरह के फ्लू होने का खतरा उत्‍पन्‍न हो जाएगा.

‘पहले इंडोनेशिया में ऐसा करना चाहता था अमेरिका’

रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि कई देश अमेरिकी सैन्य जैविक गतिविधियों के बारे में चिंतित हैं. इगोर किरिलोव के अनुसार, “इससे पहले, इंडोनेशिया ने कहा था कि उसकी जमीन अमेरिकी सैन्य जैविक प्रयोगशाला NAMRU-2 के लिए अनुपयुक्त थी. उसके बाद अमेरिका ने यूक्रेन में अपने मंसूबे पूरे करने की ठानी.

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