राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 36463 मामले हुए निस्तारित

जौनपुर धारा, जौनपुर। उ.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार, जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्रीमती वाणी रंजन अग्रवाल के मार्गदर्शन एवं कुशल निर्देशन तथा सचिव पूर्णकालिक, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण  विवेक विक्रम की देखरेख में जनपद न्यायालय परिसर में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का भव्य आयोजन किया गया। इस अवसर प्ार रीता कौशिक प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय द्वारा मॉं सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलित कर लोक अदालत का शुभारम्भ किया गया। इस अवसर पर परिवार न्यायालय के अपर प्रधान न्यायाधीशगण, मोटर दुर्घटना प्रतितोष अधिकरण के पीठासीन अधिकारी, समस्त अपर जनपद न्यायाधीशगण, अध्यक्ष, स्थायी लोक अदालत तथा एवं अन्य समस्त न्यायिक अधिकारीगण उपस्थित रहे। राष्ट्रीय लोक अदालत में विभिन्न न्यायालयों में लम्बित ३७९६ एवं राजस्व न्यायालयों तथा प्रशासन के अन्य विभागों के ३३६६७ सहित कुल ३७४६३ मामलों का निस्तारित हुए तथा समझौता राशि कुल १३१५१९७०५ रुपये की हुई। पीठासीन अधिकारी मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण भूदेव सिंह गौतम  द्वारा कुल ३१ मुकदमें लगाये गये जिनमें २५ वाद निस्तारित किये गये, जिस पर कुल १६८२६००० रुपये की धनराशि क्षतिपूर्ति याचीगण को दिलायी गयी। पारिवारिक न्यायालयों द्वारा १२६ मुकदमों को निस्तारित किया गया जिसमें सायला को मु० ८१२०००० की समझौता राशि प्रदान करायी गयी। न्यायालय विशेष न्यायाधीश ईसीएक्ट द्वारा विद्युत से सम्बन्धित कुल १३७ वाद निस्तारित किये गये। विभिन्न मजिस्टेढ्ढट न्यायालयों द्वारा २९७० शमनीय फौजदारी वादों को निस्तारित किया गया जिनमें ६५२०९० का अर्थदण्ड अधिरोपित किया गया। एनआई एक्ट के १४ मामलें तथा अन्य प्रकार के ४०५ मामलों का निस्तारण किया गया। सिविल न्यायालय द्वारा कुल ११९ मामलों का निस्तारण किया गया जिसमें उत्तराधिकार के मामलों में मु० ६०८७९३० रुपए का प्रमाण पत्र निर्गत किया गया। प्री-लिटिगेशन स्तर पर जिला प्रशासन के विभिन्न विभागों एवं पुलिस विभाग द्वारा भी मामलों का निस्तारण कराया गया, जिसमें राजस्व न्यायालयों फौजदारी के ३१६७ वादों, राजस्व के १८४१ वाद, उपभेक्ता फोरम के ७ मामलों सहित अन्य प्रकार के २७४००, बाट माप के ३ मामले एवं नगर पालिका द्वारा जलकर से सम्बन्धित २५ वादों, विद्युत बिल से सम्बन्धित ३६ वादों सहित कुल ३४८०५ मामलों का निस्तारण किया गया। प्री-लिटिगेशन स्तर पर वैवाहिक विवादों के निस्तारण हेतु प्राप्त ०१ प्रार्थना पत्र का सम्बन्धित पीठ द्वारा समाधान कराया गया।

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