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Homeअंतर्राष्ट्रीययूनिवर्सिटी में महिलाओं को बैन करने का फरमान क्यों जारी किया :...

यूनिवर्सिटी में महिलाओं को बैन करने का फरमान क्यों जारी किया : शिक्षामंत्री

अफगानिस्तान के तालिबानी फरमान की आलोचना पूरी दुनिया में होने के बाद शिक्षा मंत्री का बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने बताया है कि उन्होंने देश में महिलाओं की उच्च शिक्षा लेने पर रोक क्यों लगाई है. शिक्षा मंत्री निदा मोहम्मद नदीम का मानना है कि विश्वविद्यालयों में पढ़ाए जा रहे कुछ विषय इस्लाम के सिद्धातों के खिलाफ हैं. इसलिए बैन लगाया गया है.

समाचार एजेंसी के मुताबिक, तालिबान उच्च शिक्षा प्रमुख ने कहा कि महिलाओं का पुरुषों से मेलजोल रोकने के लिए उन्हें विश्वविद्यालयों में प्रतिबंधित किया गया, विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम इस्लामी मूल्यों का उल्लंघन कर रहे थे. एक तरफ जहां अफगानिस्तान ने महिलाओं को लेकर तालिबानी फरमान जारी किया तो वहीं दूसरी तरफ दुनियाभर में इसकी फजीहत हो रही है. यहां तक कि इस्लामिक देश भी तालिबान के फैसले से सहमत नहीं हैं.

अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, जापान और ब्रिटेन सहित कई देशों ने विश्वविद्यालयों में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने के तालिबान सरकार के फैसले की कड़ी निंदा की है. इसके अलावा इस्लामिक देश तुर्की और सऊदी अरब ने भी इसकी निंदा की है. तालिबान ने मार्च में लड़कियों के माध्यमिक विद्यालयों में जाने पर रोक लगा दी थी. भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, ‘हम इस संबंध में सामने आईं खबरों को चिंता की दृष्टि से देखते हैं. भारत ने अफगानिस्तान में महिलाओं की शिक्षा के अधिकार का लगातार समर्थन किया है. भारत नहीं बल्कि मुस्लिम देश तुर्की और सऊदी अरब ने भी विश्वविद्यालयों में महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी को लेकर तालिबान प्रशासन की निंदा की है. काबुल की सड़कों पर दो दर्जन महिलाओं ने इस कदम के विरुद्ध विरोध प्रदर्शन किया है. घरेलू स्तर पर कई अफगान क्रिकेटरों ने विश्वविद्यालय में महिलाओं के प्रवेश पर रोक की निंदा की है. अफगानिस्तान में क्रिकेट सबसे लोकप्रिय खेल है और सोशल मीडिया पर खिलाड़ियों के हजारों फॉलोवर्स हैं. इस हफ्ते की शुरुआत में तालिबान शासकों ने देशभर में महिलाओं के निजी एवं सरकारी विश्वविद्यालयों में पढ़ने पर तत्काल प्रभाव से अगले आदेश तक रोक लगा दी थी.

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