मुरादाबाद:“वक्त में जो आ जाए काम उसे पीर कहते हैं और जो चुभ जाए कलेजे में उसे तीर कहते हैं” यह शब्द किसी शायर के नहीं बल्कि मुरादाबाद के रहने वाले जाहिद खान के हैं. जो महज 17 साल की उम्र में अपनी मां की डांट से नाराज होकर चले गए थे और अब करीब 52 साल बाद अपने घर वापस लौटे हैं. जाहिद खान को उनके परिजनों से मिलवाने में सोशल मीडिया का अहम योगदान है. यूट्यूबर ने जाहिद खान की वीडियो बनाकर वायरल कर दी थी. जाहिद खान के परिजनों ने जैसे ही वीडियो को देख तुरंत जाहिद खान को ढूंढ कर समझा-बुझाकर घर ले आए. दरअसल, मुरादाबाद के कुंदरकी ब्लाक के तेवर खास के रहने वाले जाहिद खान 17 वर्ष की उम्र में मां की डांट से नाराज होकर घर से निकल गए थे. जिसके बाद वह नेपाल, बंगाल सहित कई जगह पर रहे और जीवन यापन किया. उसके बाद मुशाहिद खान नाम के यूट्यूबर ने इन्हें रिक्शा चलाते देखा. तो वह इनकी मदद करने लगा. साथ ही साथ वीडियो भी शूट कर रहा था. युवक ने जैसे ही इनका नाम पूछा तो इन्होंने अपना नाम महमूद अली बताया. जबकि इनका असली नाम जाहिद खान है.
रिक्शे पर गुजारी रात
तभी यूट्यूबर ने इनका पता पूछा जिसमें उन्होंने अपना पता कुंदरकी का तेवर खास गांव बताया. यूट्यूबर से कहा कि मैं घर से नाराज होकर निकला हूं. कई वर्ष हो गए हैं आज तक अपने घर नहीं गया हूं. घर से केवल 5 रुपए लेकर निकला था. अब अपनी मेहनत से कमाकर खाता हूं. मेरा कोई मकान या मैं किराए पर नहीं रहता हूं. मैं अपने रिक्शे पर ही अपना जीवन यापन करता हूं और रिक्शे पर ही सो जाता हूं.
यूट्यूबर ने वीडियो बनाकर किया था वायरल
जाहिद खान की यह वीडियो यूट्यूबर ने सोशल मीडिया पर वायरल कर दी. जिसके बाद यह वीडियो जाहिद खान के परिजनों तक पहुंची. जाहिद खान के परिजनों को वीडियो के माध्यम से जैसे ही पता लगा तो सभी परिजन जाहिद खान को ढूंढने दिल्ली निकल गए. कई जगह ढूंढने के बाद जाहिद खान पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मिले. जहां जाहिद खान के परिजन उन्हें समझा-बुझाकर घर ले आए हैं. यह देख गांव के लोग भी हैरान हैं कि उनके गांव का व्यक्ति 52 साल बाद घर लौटा है. जाहिद खान ने बताया कि मेरे सफर में कुछ मंजिल सोकर कटी तो कुछ मंजिल जागकर कटी है. अब मैं वापस अपने गांव लौटा हूं गांव तो गांव होता है.