Become a member

Get the best offers and updates relating to Liberty Case News.

― Advertisement ―

spot_img
Homeअंतर्राष्ट्रीयभारत पर प्रभाव डाल सकती है नेपाल के परिणाम नई सरकार

भारत पर प्रभाव डाल सकती है नेपाल के परिणाम नई सरकार

नेपाल में आम चुनावों के लिए आज मतदान हो रहा है. चुनाव में नेपाली जनता अपने उच्च और निम्न संसद सदन के लिए सांसदों का चुनाव कर रही है. इन चुनावों के नतीजों का भारत पर सीधा असर पड़ सकता है. हाल ही में अपने चुनावी प्रचार के दौरान नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ने एक विवादित चुनावी वादा किया. उन्होंने कहा कि अगर हम जीतेंगे तो कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को वापस लाएंगे जिसे भारत अपना होने का दावा करता है. केपी शर्मा के इस बयान से यह तो साफ हो गया है कि नेपाल की नजर भारत के इन हिस्सों पर है. अब अगर नतीजे केपी शर्मा सरकार के हित में हुए तो यह मुद्दा एक बार फिर गरमा सकता है और इसका सीधा असर भारत पर दिखेगा. नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी के अध्यक्ष ने कहा कि वह इन जगहों को वापस लेंगे, लेकिन भारत हमेशा से इन्हें अपना होने का दावा करता रहा है. भारत-नेपाल के बीच यह विवाद पुराना है, जिसके कारण दोनों देशों के बीच 2 दिसंबर 1815 को ईस्ट इंडिया कंपनी और नेपाल के बीच सुगौली संधि हुई. तब भी यह सीमा विवाद हल नहीं हो सका है. अब चुनावी मुद्दों में इस विवाद का फिर से उठना दोनों ही देशों के लिए चिंता विषय है. नेपाल हमेशा से आरोप लगातार रहा है कि भारत ने इन हिस्सों पर कब्जा किया है.

भारत-चीन सीमाएं सील

नेपाल में शांतिपूर्वक मतदान कराने के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. भारत और चीन की सीमाओं को सील कर दिया गया है. साल 2015 में घोषित किए गए नए संविधान के बाद ये दूसरा चुनाव है. देश के करीब 1 करोड़ 80 लाख से ज्यादा वोटर अपनी सरकार को चुनेंगे. इस चुनाव में मुख्य मुकाबला प्रधानमंत्री शेरबहादुर देउबा और मुख्य विपक्षी नेता केपी ओली के बीच है.

देउवा और ओली के बीच कांटे की टक्कर 

चुनाव में दो चेहरों के बीच जोरदार टक्कर है. शेरबहादुर देउबा के नेतृत्व में सत्तारुढ़ नेपाली कांग्रेस गठबंधन और मुख्य विपक्षी नेता केपी ओली के बीच मुख्त मुकाबला होता नजर आ रहा है. देउबा के इस गठबंधन में देउबा की पार्टी नेपाली कांग्रेस, प्रचण्ड की पार्टी माओवादी केंद्र, माधव नेपाल की यूनीफाइड सोशलिस्ट पार्टी, महन्थ ठाकुर की लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी शामिल है. दूसरी तरफ ओली के नेतृत्व में नेपाल कम्यूनिष्ट पार्टी और उपेन्द्र यादव के नेतृत्व वाली जनता समाजवादी पार्टी ने गठबंधन किया है.

Share Now...