विधान भवन जोकि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बना हुआ है, इसे पहले कौंसिल हाउस भी कहते थे. इस भवन से जुड़े हुए कई राज आपको नहीं पता होंगे. यह राज बेहद दिलचस्प हैं. देश के जाने माने इतिहासकार डॉ. रवि भट्ट के मुताबिक यह है इकलौती ऐसी अंग्रेजों की बनाई हुई इमारत है, जिसमें नए और पुराने जमाने की दोनों शैलियां मिलती हैं.
उन्होंने बताया कि अंग्रेजों के जमाने में पहले देश की राजधानी कोलकाता थी और उत्तर प्रदेश की इलाहाबाद, अंग्रेजों ने बाद में कोलकाता से देश की राजधानी हटाकर दिल्ली को बना दिया और उत्तर प्रदेश की राजधानी इलाहाबाद को हटाकर लखनऊ को बना दिया. उस वक्त 1922 में सर हारकोर्ट बटलर ने यूपी विधान भवन की नींव रखी थी. उन्होंने बताया कि यूपी विधान भवन की पूरी इमारत बेहद अद्भुत और शानदार है. यह अर्धचंद्राकार में बनी हुई दो मंजिला इमारत है जिसमें मिर्जापुर के पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है और राजस्थान के भी मार्बल का इस्तेमाल किया गया है. इसमें इंडो यूरोपियन शैली के साथ ही गोथिक कला भी मिलती है. इतिहासकार डॉ. रवि भट्ट ने बताया कि यूपी विधानसभा कुल पांच साल बाद बनकर तैयार हुई थी . यानी 1928 में यह बनकर तैयार हुआ था. उन्होंने बताया कि यूपी विधान भवन में अंदर की ओर बड़े कमरे हैं. गैलरी और बरामदे बने हुए हैं. मुख्य कक्ष विशाल और गोलाकार हैं. विधान भवन के भीतरी स्तंभों पर भारतीय शैली भी मिलती है. उन्होंने बताया कि यूपी विधानसभा भवन की खूबसूरती का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है इसके ठीक सामने जो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नया कार्यालय बना है ,उसे भी इसका ही रूप देने का प्रयास किया गया है. विधान भवन की ऐतिहासिक इमारत न सिर्फ लखनऊ बल्कि उत्तर प्रदेश के लोगों की शान है. बड़ी संख्या में पर्यटक यहां आते हैं तो इसे देखना नहीं भूलते. 15 अगस्त और 26 जनवरी पर यहीं परेड होती है और सेल्फी लेने वालों की लाइन लग जाती है. अब उत्तर प्रदेश में नई विधान भवन 200 एकड़ में बनाने का ऐलान हो चुका है. ऐसे में पुराने विधान भवन का इतिहास बेहद दिलचस्प है.