Become a member

Get the best offers and updates relating to Liberty Case News.

― Advertisement ―

spot_img
Homeदेशबुनियादी ढांचे के विकास के लिए 50,000 करोड़ रुपये और खर्च करेगा...

बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 50,000 करोड़ रुपये और खर्च करेगा केंद्र : प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  ने शनिवार को अरुणाचल प्रदेश के पहले ग्रीनफील्ड हवाईअड्डे डोनी पोलो एयरपोर्ट का उद्घाटन करने बाद राज्य के लिए बड़ी घोषणा की.

पीएम मोदी ने कहा कि निकट भविष्य में केंद्र अरुणाचल प्रदेश में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 50,000 करोड़ रुपये और खर्च करेगा. उन्होंने राज्य के दूर-दराज के क्षेत्रों से उचित संपर्क कायम करने की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि अरुणाचल प्रदेश के 85 प्रतिशत गांव प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से जुड़े हुए हैं. पीएम मोदी ने कहा कि नए हवाईअड्डे के विकास से कार्गो सेवा के क्षेत्र में बड़ा अवसर पैदा होगा. उन्होंने कहा कि परिणामस्वरूप, राज्य के किसान अब अपनी उपज बड़े बाजारों में बेच सकते हैं.

पौने चार साल में बनकर तैयार हुआ हवाईअड्डा

उल्लेखनीय है कि डोनी पोलो एयरपोर्ट अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर से करीब 15 किलोमीटर की दूरी पर है. होलोंगी स्थित इस हवाईअड्डे से अन्य शहरों के लिए वाणिज्यिक उड़ानें भरी जा सकेंगी. इसके अलावा, यहां से हेलिकॉप्टर सेवा अरुणाचल प्रदेश को राज्य के ही अन्य हिस्सों जोड़ेगी. फरवरी 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डोनी पोलो एयरपोर्ट हवाईअड्डे की आधारशिला रखी थी. पीएम मोदी ने हवाईअड्डे पर एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य के किसान पीएम किसान निधि का लाभ उठा रहे हैं. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हम विकास को राज्य के हर घर और गांव तक पहुंचाने के लिये मिशन मोड में काम कर रहे हैं.’’ उन्होंने ‘वाइब्रैंट बॉर्डर विलेज प्रोग्राम’ के तहत सभी सीमावर्ती गांवों के विकास के लिए सरकार के प्रयासों को भी रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देगा और पलायन को भी कम करेगा.

कामेंग जलविद्युत परियोजना राष्ट्र को समर्पित

प्रधानमंत्री मोदी ने राज्य के पश्चिम कामेंग जिले में 600 मेगावाट की ‘कामेंग जलविद्युत परियोजना’ को भी राष्ट्र को समर्पित किया. कामेंग जलविद्युत परियोजना 80 वर्ग किलोमीटर से ज्यादा इलाके में 8,450 करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत से विकसित की गई है. इससे अरुणाचल प्रदेश के बिजली अधिशेष वाला राज्य बनने और स्थिरता और एकीकरण के मामले में राष्ट्रीय ग्रिड को लाभ होने की उम्मीद है.

पीएम मोदी ने कहा, ‘‘संपर्क और ऊर्जा बुनियादी ढांचा पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए विकास की एक नई सुबह लाएगा.’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार देश के विकास के लिए 365 दिन, सातों दिन और 24 घंटे काम करती है. उन्होंने कहा, ‘‘मैं उन परियोजनाओं का उद्घाटन करता हूं, जिनकी आधारशिला मेरी ओर से रखी गई है. बेपरवाह रवैये के दिन गए.’’

आठ साल में पूर्वोत्तर में बने इतने हवाईअड्डे

पीएम मोदी ने कहा, ‘‘राजनीतिक टिप्पणी करने वालों ने (2019 में) दावा किया था कि हवाईअड्डे की आधारशिला रखना एक चुनावी हथकंडा है. हालांकि, आज जब कोई चुनाव नहीं होना है तो हम इस हवाईअड्डे की शुरुआत कर रहे हैं.’’ मोदी ने कहा कि लंबे समय से पूर्वोत्तर की उपेक्षा की जाती रही है जबकि विकास के मामले में आज इस क्षेत्र को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाती है. उन्होंने कहा कि पिछले आठ वर्षों में पूर्वोत्तर में सात हवाई अड्डे बनाए गए हैं.  पीएम मोदी ने कहा, ‘‘नीति निर्माता पहले केवल चुनाव जीतना चाहते थे जबकि हम केवल राष्ट्र के विकास के लिए काम करते हैं. अधिकारियों के मुताबिक, डोनी पोलो एयरपोर्ट लगभग 20 लाख लोगों की जरूरतों को पूरा करेगा. इससे संपर्क, व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है. पीएम मोदी ने केंद्र सरकार की क्षेत्रीय संपर्क योजना ‘उड़ान’ पर एक कॉफी-टेबल बुक का विमोचन भी किया. इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू, मुख्यमंत्री पेमा खांडू और अरुणाचल के राज्यपाल ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) डॉक्टर बीडी मिश्रा भी मौजूद रहे.

सीएम पेमा खांडू ने समझाया डोनी पोला का अर्थ

सीएम खांडू ने अपने संबोधन के जरिये जानकारी दी कि सूर्य को डोनी और चंद्रमा को पोलो कहा जाता है, इसलिए हवाईअड्डे का नामकरण अरुणाचल प्रदेश के लोगों की सूर्य और चंद्रमा के प्रति श्रद्धा को दिखाता है. अधिकारियों के मुताबिक, इस हवाईअड्डे को भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने 645 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से विकसित किया है और इसमें आठ चेक-इन काउंटर बनाए गए हैं, जो व्यस्त समय के दौरान 200 यात्रियों को सेवा दे सकेंगे.

इससे पहले अरुणाचल प्रदेश में कोई हवाईअड्डा नहीं था. पास का हवाईअड्डा 80 किलोमीटर दूर असम के उत्तरी लखीमपुर जिले में लीलाबाड़ी हवाईअड्डा है. अरुणाचल के सीएम खांडू के मुताबिक, 2014 के बाद पासीघाट और तेजू समेत कुछ उन्नत लैंडिंग ग्राउंड बनाए गए थे.

Share Now...