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बप्पा की 22 फीट की मूर्ति को बनाया पर्यावरण अनुकूल

मुंबई में इस साल गणेश उत्सव के दौरान ईको फ्रेंडली मूर्तियों का काफी चलन देखा जा रहा है. इस वर्ष बड़े पंडाल में भी बप्पा की विशाल मूर्तियों को पर्यावरण अनुकूल ही बनाया गया है. मुंबई के प्रभादेवी इलाके में इस साल गणेश मंडल ने बप्पा की 22 फीट की मूर्ति को पर्यावरण अनुकूल बनाया है. इस मूर्ति को पूरी तरीके से पेपर और कार्डबोर्ड की मदद से बनाया गया है. साथ ही इस साल इसी पंडाल में बप्पा की सजावट में भी सारी चीजें पर्यावरण अनुकूल ही उपयोग की गई है.

इस मंडल का नाम एलफिन्स्टनचा राजा है, जो 1992 से गणपति बप्पा की मूर्ति रखते आए हैं. हालांकि पिछले 5 वर्षों से उन्होंने अपनी मूर्ति पर्यावरण पूर्वक बनानी शुरू की. इस वर्ष 100 फीसदी मूर्ति इको फ्रेंडली है. इस मूर्ति में समुद्र में शेषनाग के ऊपर बप्पा को स्थापित किया गया है. इस मूर्ति के सजावट के साथ कई संदेश भी रखे गए हैं जैसे कि भगवान के ऊपर फूल माला ना चढ़ा कर एक किताब और एक पेन दान करें. वहीं ब्रेस्टफीडिंग कर रही महिलाओं के लिए एक कक्ष भी अलग से बनाया गया था.  मुंबई के करी रोड इलाके के पेपर काल वर्कशॉप में सभी मूर्तियां ईको फ्रेंडली तरीके से बनाई गई है. इस वर्कशॉप के मालिक और मूर्तिकार पराग पारधी ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों की तुलना में इस वर्ष इको फ्रेंडली मूर्तियों का चलन बढ़ गया है. उन्होंने कहा कि डिमांड काफी बढ़ गई है, उनकी 250 छोटी मूर्तियां बुक हो चुकी हैं. वहीं 10 बड़ी भव्य मूर्तियों को उन्होंने बेचा भी है. 

10 महीने पहले से होती है मूर्तियों की बुकिंग

मूर्तिकार पराग पराधि के मुताबिक, ‘इन मूर्तियों को बनाने में समय लगता है इसलिए 8 से 10 महीने पहले से ही बुकिंग ऑर्डर आ जाती है. यह मूर्तियां 3 गुना ज्यादा महंगी होती है. यह पीओपी की मूर्तियों से भी ज्यादा महंगी होती है. मुंबई शहर में आज भी इको फ्रेंडली मूर्तियां ज्यादा इस्तेमाल नहीं किया जाता है, लेकिन फिर भी सभी से अनुरोध है कि पर्यावरण के बारे में सोचकर इको फ्रेंडली मूर्तियों को ही विसर्जित करें.’

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