पीयूष शर्मा/मुरादाबाद. बरसात में दूषित जल के चलते बड़े-बच्चे टाइफाइड, डायरिया, पीलिया जैसी बीमारियों का शिकार हो रहे हैं. जिला अस्पताल की ओपीडी के अलावा निजी चिकित्सकों के क्लीनिक पर भी मरीजों की भीड़ है. महानगर के अधिकांश मोहल्लों के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में भी डायरिया का कहर बना हुआ है.
बारिश के दौरान नाली का पानी सड़कों पर बहने और जगह-जगह सीवरेज पाइप लाइन डालने के कार्य के चलते टूटे पेयजल पाइपलाइन से नाली का पानी घरों में पहुंच रहा है. इस दूषित पानी को पीने से महानगर के कई मोहल्ले डायरिया, पीलिया, टाइफाइड जैसी बीमारियों की चपेट में हैं. जिला अस्पताल की ओपीडी में मरीजों की लंबी कतार रहती हैं. बड़ी उम्र के और मासूम बच्चे इलाज कराने के लिए पहुंचे हैं. जिला अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन डॉक्टर एनके मिश्रा का कहना है कि बरसात में जल जनित बीमारियां अधिक बढ़ती हैं. पेयजल पाइप लाइन टूटी होने से दूषित जल घरों में पहुंच जाता है. जिसके माध्यम से कीटाणु संक्रमित करते हैं, जिससे टाइफाइड होता है. इसलिए लोगों को पानी उबालकर पीना चाहिए. वाटर प्यूरीफायर का पानी भी हितकर है. टेप वाटर का पानी पाइप लाइन टूटने से दूषित हो रहा है. सचेत रहने की जरूरत है. बाजार में सड़क किनारे दुकानों पर खुले में बेची जा रही खाद सामग्री, कटे फल, बासी भोजन से परहेज करें. घर का बना ताजा भोजन करें फिर भी बीमारी से ग्रसित होते हैं तो किसी विशेषज्ञ चिकित्सक से दिखाएं.