साऊदी अरब दुनिया के सबसे डेवल्पड देशों की सूची में आता है. इस देश ने पिछले 20-30 सालों में बहुत प्रगति की है, चाहें वो शिक्षा का क्षेत्र हो, तकनीकि क्षेत्र , ईलाज का क्षेत्र हो. हर क्षेत्र में साऊदी अरब ने अपना लोहा मनवाया है. लेकिन सऊदी अरब अपने कठोर कानून के लिए बहुत ही ज्यादा फेमस है. ये देश बहुत तरह के मामलों में मौत की सजा सुनाता है.
सऊदी अरब में समलैंगिक संबंध और अवैध संबंधो को लेकर कानून बहुत ही ज्यादा कठोर है. इस तरह के चीजों को अपराध के कैटेगरी में रखा जाता है. इन अपराधों पर मौत तक के सजा का प्रावधान है. इस तरह के देश शरिया कानून को मानते है. बता दें कि सऊदी अरब दुनिया के उन देशों में है, जहां सबसे ज्यादा कठोर काननू लागू किए जाते है.सऊदी अरब में मौत की सजा देने के कई तरीके है. एक मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार वहां धारदार हथियार से गर्दन को धड़ से अलग कर देते है. फांसी से लटका कर भी मौत दी जाती है. कभी-कभी बीच सड़क पर जुर्म करने वाले को सब के सामने फांसी दी जाती है और तो फांसी देने के साथ गोली भी मार दी जाती है. फांसी देने के पहले गुनाहगार से उसके सजा को दोबारा कबूल करवाया जाता है और फिर घुटने पर बिठा दिया जाता है. तेल का कुंआ कहा जाने वाला देश सऊदी अरब में साल 2020 के पहले तक कोड़े से मार-मारकर मौत के घाट उतार दिया जाता था. लेकिन साल 2020 के बाद से 18 साल से कम उम्र के समूह वाले लोगो के लिए मौत की सजा पर रोक लगा दी गई थी. इसके लिए सऊदी अरब ने बाल अधिकारो को लेकर संयुक्त राष्ट्र के सामने हस्ताक्षर भी किया था.सऊदी अरब शरिया कानून को मानते हैं. इस शरिया कानून के तहत, जिस तरह की मौत की सजा दी जाती है. वो है पत्थर मार कर औरतों को सरेआम मौत के घाट उतार देना, समलैंगिक होने के लिए पुरुषों को सार्वजनिक रूप से फांसी दें देना और घुटनो के निचले हिस्सों को काट देना आदि.