पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस के बीच सीट शेयरिंग को लेकर मामला भी अधर में लटका हुआ है. कांग्रेस जहां ‘इंडिया गठबंधन’ के सहयोगी दल टीएमसी से सीटों के बंटवारे को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त है. दूसरी तरफ तृणमूल कांग्रेस के नेता पूरे दमखम के साथ राज्य की 42 लोकसभा सीटों पर अकेले ही चुनाव लड़ने का लगातार ऐलान कर रहे हैं. पार्टी के कद्दावर नेता डेरेक ओ’ब्रायन ने शुक्रवार (23 फरवरी) को इस बात को दोहराया कि उनकी पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव अकेले लड़ेगी.
टीएमसी नेता ओ ब्रायन की ओर से आए इस बयान के बाद सूबे की राजनीति एक बार फिर गरमा गयी है. इस बयान के बाद सीट शेयरिंग के मुद्दे पर कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, टीएमसी नेता का कहना है कि वो पश्चिम बंगाल की सभी 42 लोकसभा सीटों के साथ-साथ असम में कुछ सीट और मेघालय की एक सीट पर अकेले चुनाव लड़ेगी. इस फैसले पर टीएमसी के रुख में ‘कोई बदलाव नहीं’ आया है.
सीट शेयरिंग मुद्दे पर फाइनल निर्णय का इंतजार
दरअसल, टीएमसी के दिग्गज नेता व सांसद डेरेक का यह बयान उस वक्त आया है जब कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच सीट शेयरिंग के मुद्दे पर कोई फाइनल निर्णय आने का इंतजार किया जा रहा है. दोनों पार्टियों के बीच सीट बंटवारे के मुद्दे पर लगातार बातचीत का सिलसिला भी जारी है. उधर, कांग्रेस लगातार इस बात का दावा कर रही है कि पश्चिम बंगाल की सीएम और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी के साथ उनकी बातचीत जारी है, लेकिन सीट शेयरिंग को अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है. बातचीत का दौर अभी जारी है. कांग्रेस ने टीएमसी के लिए हमेशा दरवाजे खुले रहने की बात भी कही है. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, कांग्रेस के महासचिच जयराम रमेश का कहना है कि पार्टी ममता बनर्जी का सम्मान करती है. यह बात अलग है कि दोनों पार्टियों के बीच गरम बहस होती रहती है. पश्चिम बंगाल सीएम ममता बनर्जी का भी कहना है कि वो ‘इंडिया गठबंधन’ को मजबूत करना चाहती हैं और उनका सबसे बड़ा मकसद बीजेपी को हराना है. ओ’ब्रायन ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के कुछ सप्ताह पहले दिए बयान को दोहराते हुए कहा कि उन्होंने बंगाल की सभी 42 सीटों, असम की कुछ सीटों और मेघालय की तुरा लोकसभा सीट पर टीएमसी के चुनाव लड़ने की बात कही थी. इस मामले पर कोई बदलाव नहीं हो रहा है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस और टीएमसी के बीच सीट शेयरिंग पर चर्चा का मसला बंद हो गया था लेकिन कुछ समय पहले यह फिर से शुरू हो गई थी. बताया जाता है कि टीएमसी पश्चिम बंगाल के बदले कांग्रेस से असम और मेघालय में सीटों के बंटवारे को लेकर दवाब बनाए हुए है.