- घर बैठे ही राशन, पेंशन और हेल्थ से जुड़ी योजनाओं का मिलेगा लाभ
लखनऊ. यूपी में हर योजना अब डिजिटल टेक्नोलॉजी से जुड़ जाएगा. योगी सरकार अपनी सभी योजनाओं को डिजीलॉकर पर लाइव कर दिया है. इसका मतलब है कि अब यूपी के सभी नागरिक डिजीलॉकर पर भी अपनी फैमिली आईडी को एक्सेस कर सकेंगे. यूपी सरकार ने कहा है कि प्रदेश में वो सभी लोग जिनका फैमिली आईडी के लिए रजिस्ट्रेशन हो चुका है, वो डेस्कटॉप या मोबाइल फोन के जरिए डिजीलॉकर पर जाकर अपनी फैमिली आईडी को एक्सेस कर पाएंगे. बता दें कि फैमिली आईडी का उद्देश्य अप्रयुक्त योजनाओं में पात्र लाभार्थियों की पहचान के माध्यम से योजनाओं का बेहतर कवरेज देना, डुप्लीकेट और फर्जी लाभार्थियों को हटाना और प्रमाण के बोझ को कम करके नागरिकों के लिए योजनाओं में आवेदन का सरलीकरण करना है.
हर सदस्य का पूरा डाटा होगा उपलब्ध
गुरुवार को मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र के समक्ष फैमिली आईडी को लेकर हुए प्रस्तुतिकरण में डिजिलॉकर पर फैमिली आईडी को लाइव किए जाने की जानकारी दी गई है. इसमें बताया गया कि प्रदेश के नागरिकों की सुविधा के लिए डिजीलॉकर पर फैमिली आईडी डिजिटल कार्ड उपलब्ध कराया गया है. इस कार्ड में लाभार्थी और उसके परिवार का पूरा डाटा उपलब्ध होगा. इसके साथ ही ये भी बताया गया कि विभिन्न योजनाओं और इनका लाभ प्राप्त करने के लिए फैमिली ई-पासबुक प्रदेश भर के सभी परिवारों के लिए तैयार है.
यूपी में अब पात्र लाभार्थियों को संभावित योजनाओं को खोजने में मदद करेगी डिजीलॉकर.
पात्र लाभार्थी खुद भी अप्लाई कर सकेंगे
फैमिली ई-पासबुक विजिबिलिटी और अवेयरनेस में सुधार के लिए विकसित की गई है. यह पात्र लाभार्थियों को संभावित योजनाओं को खोजने में मदद करेगी. फैमिली आईडी को आधार संख्या दर्ज कर लॉगिन किया जाएगा, जिसके बाद होम स्क्रीन सामने आ जाएगी. इसके बाद फैमिली डिटेल्स, स्कीम लेजर, बेनिफिट लेजर जैसे महत्वपूर्ण चीजों को एक्सेस कर सकेंगे. यही नहीं, आप यहां अपने फैमिली मेंबर या खुद के लिए संभावित योजनाओं को भी खोज सकेंगे. साथ ही योजनाओं की पूरी जानकारी भी इसमें उपलब्ध होगी.
सरकार की सभी योजनाओं की जानकारी होगी
फैमिली आईडी प्रोएक्टिव स्कीम डिलीवरी को अनलॉक करने के लिए एक समेकित डेटाबेस के रूप में कार्य करेगा. इसके अंतर्गत एजुकेशन और स्किलिंग के तहत बेसिक एंड सेकेंडरी, हायर एंड टेक्निकल और स्किलिंग व वोकेशनल योजनाओं का लाभ लिया जा सकेगा. इसी तरह सोशल वेलफेयर एंड इमपॉवरमेंट के तहत एग्रीकल्चर एवं राशन, पेंशन व स्कॉलरशिप और मेडिकल हेल्थ से जुड़ी योजनाओं में इसका इस्तेमाल हो सकेगा. इंप्लॉयमेंट एंड माइक्रोफाइनेंस के तहत इंप्लॉयमेंट अपॉर्च्युनिटीज, क्रेडिट लिंकेज और सोशल सिक्योरिटी में भी ये मददगार होगा.
इतने करोड़ लोगों को लाभ होगा
गौरतलब है कि यूपी में 4.8 करोड़ लाभार्थियों को 13 विभागों की ओर से 42 योजनाओं और सेवाओं में फैमिली आईडी डेटाबेस में मैप किया गया है. यही नहीं, भारत सरकार की 4 योजनाओं के लाभार्थी डेटा को इससे जोड़ा गया है. इसके साथ ही 4 अलग-अलग एनालिटिक्स उपयोग मामलों में संभावित नए लाभार्थियों की पहचान की गई है. इस योजना के लाभार्थियों में 3.61 करोड़ राशन कार्ड होल्डर परिवार पहले से ही एनएफएसए डेटाबेस का हिस्सा हैं. उनका राशन कार्ड नंबर ही उनकी फैमिली आईडी है. वहीं, नॉन राशन कार्ड होल्डर्स परिवारों के लिए फैमिली आईडी के तहत नामांकन करने का प्रावधान किया गया है. इसके तहत 1.42 लाख आवेदन प्राप्त हुए,जिसमें से 55 हजार परिवार आईडी बनाई गई हैं.
ऐसे काम करता है डिजिलॉकर
डिजिलॉकर डिजिटल इंडिया की एक पहल है, जिसमें हम अपने जरूरी दस्तावेजों की सॉफ्ट कॉपी को संभाल कर रख सकते हैं. डिजिलॉकर में आपके दस्तावेज लिंक के रूप में दिखते हैं. अगर आप किसी योजना का लाभ लेना चाहते हैं तो दस्तावेजों की हार्ड कॉपी के बजाए आप वहां एक लिंक दे सकते हैं, जिससे आपके दस्तावेज की जांच आसानी से हो जाएगी. इस लिंक के जरिए आवेदक आधार से जुड़ा होगा, उसे 10 एमबी का व्यक्तिगत स्टोरेज स्पेस मिलता है जिसमें दस्तावेजों को यूआरएल लिंक के रूप में सुरक्षित रखा जाता है. इन दस्तावेजों का इस्तेमाल करने के लिए आपको यूजर आईडी और पासवर्ड से लॉगइन करना होगा, जिसके बाद आप बड़ी ही आसानी से लिंक के रूप में अपने दस्तावेज देख सकेंगे.