चीन के पूर्व प्रधानमंत्री ली केकियांग का 68वर्ष की आयु में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है. इस बात की जानकारी चीनी स्टेट मीडिया ने शुक्रवार को दी. पूर्व चीनी प्रधानमंत्री ली केकियांग सुधारवादी विचारधारा वाले व्यक्ति थे. उन्हें देश के भावी नेता के रूप में देखा जाता था. हालांकि, देश के राष्ट्रपति शी जिनपिंग उन्हें नजरअंदाज करते थे. ली केकियांग ने 10 सालों तक शी जिनपिंग के अधीन काम किया था.
सिन्हुआ समाचार एजेंसी के मुताबिक ली को गुरुवार (26 अक्टूबर) को अचानक दिल का दौरा पड़ा और शुक्रवार तड़के 12:10 के दौरान शंघाई में उनका निधन हो गया. ली केकियांग ने अपने कार्यकाल के दौरान प्रधानमंत्री के रूप में सख्त सहकर्मियों की तुलना में अधिक आधुनिक व्यक्ति के रूप में अपनी छवि बनाई थी. वो धाराप्रवाह अंग्रेजी बोलते थे. उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान आर्थिक सुधारों के समर्थन में आवाज उठाई थी.
ली केकियांग ने कानून की डिग्री हासिल की
ली केकियांग ने दशकों तक पार्टी के अनुसार काम किया और नियमों का पालन किया. वो जब हेनान प्रांत में पार्टी प्रमुख थे, तब एक ब्लड कैंपेन में HIV Aids की वजह से बीमारी फैल गई थी. इसकी वजह से उनकी प्रतिष्ठा को काफी नुकसान पहुंचा था. इस मामले के बाद स्थानीय अधिकारियों ने संबंधित अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपने के बजाय कार्यकर्ताओं और मीडिया पर सख्ती से प्रतिक्रिया व्यक्त की और राष्ट्रीय स्तर पर मेडिकल घोटाले की जांच सौंपी गई. ली केकियांग पूर्वी चीन के अनहुई प्रांत में एक छोटे पार्टी पदाधिकारी के बेटे थे. उन्होंने पेकिंग विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री हासिल की थी. ली केकियांग 80 के दशक में हेनान और उत्तर-पूर्व में लियाओनिंग प्रांत में पार्टी के शीर्ष अधिकारी बन गए. इस दौरान दोनों प्रांतों मे आर्थिक विकास भी हुआ.
ली केकियांग के पास बहुत कम अधिकार
ली केकियांग के साल 2023 में प्रधामंत्री पद छोड़ने के दौरान चीनी अर्थव्यवस्था की स्थिति खराब थी. इसके पीछे की मुख्य वजह कोविड-प्रेरित मंदी थी. वो 2013-23 तक चीन के नंबर 2 नेता थे और निजी व्यवसाय के समर्थक थे. हालांकि, इस दौरान राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने खुद को 10 सालों में सबसे शक्तिशाली चीनी नेता बनाने की कोशिश की. उन्होंने अर्थव्यवस्था और समाज पर कड़ा नियंत्रण स्थापित किया, जिसकी वजह से ली केकियांग के पास बहुत कम अधिकार रह गए थे.