- बाजारों में तेजी से खरीदा जा रहा मिट्ठी की सुराही
- टोटी लगे घड़े को ज्यादा पसन्दर कर रहें है लोग
जौनपुर धारा,जौनपुर। गर्मी का पारा चढ़ने के साथ ही तपन ने दस्तक दे दिया है। वहीं गरीबों की देसी फ्रीज यानी मिट्टी के घड़े और सुराही आदि की मांग बढ़ गई है। इन दिनों अधिकतम तापमान 38 से 41 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है जबकि न्यूनतम 27 डिग्री पर है। ऐसे में गर्मी के मद्देनजर देशी फ्रीज की मांग काफी बढ़ गई है। प्रचंड गर्मी में कुम्हारों द्वारा कई किस्म के घड़े बाजार में बेचे जा रहे हैं। मांग के बढ़ने के साथ-साथ इनकी कीमतों में भी बढ़ोतरी हुई है। जानकारों की माने तो स्वास्थ्य के लिए इसका पानी उत्तम है। नगर के भण्डारी स्टेशन, सुतहटी बाजार, कोतवाली चौराहा, ओलन्दगंज सहित नगर के आदि स्थानों पर मिट्टी के घड़े बिकने के लिए सजे हैं। वैज्ञानिक दृष्टि से देखा जाये तो मिट्टी के घड़े का पानी उत्तम होता है। गर्मी की तपिश से गला तर करने के लिए लोग मिट्टी के घड़े और सुराही आदि की खरीदारी करने लगे हैं। फिलहाल फ्रीज अथवा कूलर की बिक्री में बढ़ोत्तरी हो या न हो आए, लेकिन मिट्टी से बने इन बर्तनों की बिक्री में अच्छी-खासी बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है। यही वजह है कि इन दिनों शहर जगह-जगह मिट्टी के घड़े आदि बिकते नजर आ रहे हैं। गर्मी का मौसम आते ही आम आदमी को गर्मी से निजात पाने के लिए तमाम वस्तु की आवश्यकता महसूस होने लगी है। एक ओर गरीब तबके का व्यक्ति गले को तर करने के लिए घड़े की खरीददारी कर रहा है। घड़े में एक तो मिट्टी का सोंधापन होता है, दूसरे उसके पानी की तासीर अलग ही होती है। मटके का पानी गला भी खराब नहीं करता। मटके का पानी पीना से कैंसर की बीमारी का खतरा बहुत कम हो जाता है। घड़े का पानी गले से संबंधी बीमारियों से बचा कर रखता है और यह हमको जुकाम खांसी की परेशानी से भी बचाता है मटके का पानी पीना से पीएच संतुलन सही होता है। मिट्टी के क्षारीय तत्व और पानी के तत्व मिलकर उचित पीएच बेलेंस बनाते हैं जो शरीर को किसी भी तरह की हानि से बचाते हैं और संतुलन बिगड़ने नहीं देते। भीषण गर्मी में लोगों को राहत पहुंचाने के लिए इन दिनों मटके की मांग काफी बढ़ गई है। समय बदलने के साथ कुम्हारों द्वारा मटका निर्माण में भी कई प्रयोग किए गए हैं। जैसे की टोटी लगे मटके लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हैं। गर्मी का मौसम शुरू होते ही आम आदमी को गर्मी से निजात पाने के लिए ठंडे पानी की आवश्यकता महसूस होने लगी है। गर्मी के दिनों में काफी लोग फ्रीज का पानी पीने की बजाए मटके के पानी से गला तर करना ज्यादा पसंद करते हैं और मिट्टी के घड़े का सोंधापन अलग ही सुकूद प्रदान करता है।