- परिनिर्वाण दिवस पर कांग्रेस कार्यालय पर संगोष्ठी का आयोजन
जौनपुर धारा, जौनपुर। जिला कांग्रेस कमेटी और शहर कांग्रेस कमेटी द्वारा संयुक्त रूप से डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के परिनिर्वाण दिवस पर जोगियापुर स्थित जिला कांग्रेस कार्यालय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए जिलाध्यक्ष फैसल हसन तबरेज ने कहा कि डॉ. भीमराव अम्बेडकर भारत के आधुनिक निर्माताओं में से एक माने जाते हैं। उनके विचार व सिद्धांत भारतीय राजनीति के लिए हमेशा से प्रासंगिक रहे हैं। दरअसल वे एक ऐसी राजनीतिक व्यवस्था के हिमायती थे, जिसमें सभी को समान राजनीतिक अवसर दें तथा धर्म, जाति, रंग तथा लिंग आदि के आधार पर भेदभाव न किया जाए। उनका यह राजनीतिक दर्शन व्यक्ति और समाज के परस्पर संबंधों पर बल देता है। उनका यह दृढ़ विश्वास था कि जब तक आर्थिक और सामाजिक विषमता समाप्त नहीं होगी, तब तक जनतंत्र की स्थापना अपने वास्तविक स्वरूप को ग्रहण नहीं कर सकेगी। दरअसल सामाजिक चेतना के अभाव में जनतंत्र आत्मविहीन हो जाता है। ऐसे में जब तक सामाजिक जनतंत्र स्थापित नहीं होता है तब तक सामाजिक चेतना का विकास भी संभव नहीं हो पाता है। संगोष्ठी में बोलते हुए शहर अध्यक्ष विशाल सिंह हुकुम ने कहा कि डॉ. भीमराव अंबेडकर छुआछूत की पीड़ा को जन्म से ही झेलते आए थे। वे दलित वर्ग के लिए मसीहा के रूप में सामने आए जिन्होंने अपने अंतिम क्षण तक दलितों को सम्मान दिलाने के लिए संघर्ष किया। संगोष्ठी के पश्चात कांग्रेसियों ने कचहरी स्थित अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। बैठक में मुख्य रूप से तिलकधारी निषाद, डॉ. राकेश उपाध्याय, शशांक राय अंकित, राकेश सिंह डब्बू, पंकज सोनकर, अबुजर सभासद, फैसल यासीन सभासद, सरवर अहमद, राजकुमार निषाद, बब्बी खान, अमन सिन्हा, आदिल, गुलाब सिंह, रोहित पाण्डेय आदि लोग मौजूद रहे।