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Homeउत्तर प्रदेशआजमगढ़ के हाजिक हुसैन बने जज, प्रदेश में मिला 7वां स्थान

आजमगढ़ के हाजिक हुसैन बने जज, प्रदेश में मिला 7वां स्थान

उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा सिविल जज (जूनियर डिवीजन) (UPPSC -J 2023) परीक्षा का अंतिम चयन परिणाम घोषित कर दिया गया. UPPSC-J में आजमगढ़ जिले के मुबारकपुर कस्बे के रहने वाले हाजिक हुसैन ने पाचवें प्रयास में पीसीएस-जे (UPPSC-J 2023) में सफलता पाई है.

यही नहीं, वह टॉप 10 में भी सातवें नम्बर पर हैं. हाईस्कूल और इंटर की शिक्षा के बाद हाजिक हुसैन ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) से एलएलबी की. उनकी इस कामयाबी पर केवल उनके कस्बे के लोग ही नहीं बल्कि पूरा जिला गर्व महसूस कर रहा है. उनकी इस कामयाबी पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है.

दादा को दिया सफलता का श्रेय

रेशमी नगरी के नाम से प्रसिद्ध मुबारकपुर कस्बे के पुरासोफी मुहल्ले के रहने वाले हाजिक हुसैन के पिता हुसैन अहमद अंसारी अपर जिला जज हैं. उनकी बलिया में तैनाती है. उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता के अलावा अपने दादा अब्दुल रहमान अंसारी व नाना हाजी रियाजुद्दीन को दिया. पिता का स्थानांतरण होने के कारण उनकी पढ़ाई-लिखाई विभिन्न शहरों में हुई. रायबरेली से हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा पास करने के बाद पांच वर्षीय बीए-एलएलबी की डिग्री हासिल करने के लिए उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में दाखिला लिया. एलएलबी की डिग्री हासिल करने के बाद वह पीसीएस-जे की तैयारी में जुट गए. वह चार बार इंटरव्यू तक पहुंचे लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली. बिहार और दिल्ली की परीक्षा में भी हाजिक हुसैन शामिल हुए. साक्षात्कार भी दिया लेकिन थोड़े से अंतर से चूक गए. यूपी न्यायिक सेवा के लिए वह दूसरी बार इंटरव्यू में पहुंचे थे.

युवाओं को दिए सफलता के टिप्स

इस बार सफलता ने उनके कदम चूम लिए. हाजिक के छोटे भाई मोहम्मद हारिफ भी एलएलबी पास हैं और पीसीएस-जे की तैयारी कर रहे हैं. हाजिक बताते हैं कि सफलता के लिए वह नियमित चार से पांच घंटे पढ़ाई करते थे. परीक्षा नजदीक आने पर दस से 12 घंटे पढ़ाई करते थे. उनका कहना है कि पढ़ाई करते वक्त समय से ज्यादा एकाग्रचित होना जरूरी है. जितना भी पढ़ें, मेहनत और ईमानदारी से पढ़ें. नियमित छह से सात घंटे पढ़ाई तैयारी के लिए पर्याप्त होती है. असफलताओं से कभी हार नहीं माननी चाहिए, पूरे मनोयोग से लगे रहिए, सफलता आपके कदम चूमेगी.

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