अफगानिस्तान में छात्राओं को कॉलेज जाने पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद बवाल खड़ा हो गया है. यूनिवर्सिटी के छात्रों ने प्रतिबंध का विरोध करते हुए क्लास का बहिष्कार किया है. इसके साथ ही कई यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर भी छात्राओं के समर्थन में आ गए हैं. उचित ड्रेस कोड का पालन न करने का हवाला देते हुए तालिबान सरकार ने महिलाओं के कॉलेज जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है.
अफगानिस्तान में तालिबान शासन का कहना है कि यूनिवर्सिटी को छात्राओं के लिए प्रतिबंधित घोषित कर दिया गया है क्योंकि छात्राएं उचित ड्रेस कोड सहित कई निर्देशों का पालन नहीं कर रही थीं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक शैक्षिक संस्थानों में छात्राओं को अनुमति नहीं देने के तालिबान के फैसले के विरोध में कई छात्र क्लासरूम से बाहर चले गए. अफगानिस्तान के विश्वविद्यालयों के कई प्रोफेसर भी महिलाओं के समर्थन में क्लास छोड़कर बाहर निकल पड़े. तालिबान के फरमान के बाद यूनिवर्सिटी में पढ़ाने वाले लगभग 60 प्रोफेसरों ने अपनी भूमिकाओं से इस्तीफा दे दिया. कॉलेजों में कई छात्रों ने अपनी महिला समकक्षों के साथ एकजुटता दिखाई.
Male students of Nangarhar university walked away from their exams to protest the Taliban ban preventing girls from attending university. pic.twitter.com/DEiVRlB1BR
— Afghan Peace Watch (@APWORG) December 21, 2022
इससे पहले, तालिबान की शिक्षा मंत्री निदा मोहम्मद नदीम ने कॉलेजों और यूनिवर्सिटी में महिलाओं को पढ़ने से रोकने के फैसले का बचाव करते हुए कहा था,”हमने लड़कियों को उचित हिजाब पहनने के लिए कहा लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया और ऐसे कपड़े पहने जैसे वे किसी शादी समारोह में जा रही हों.” शिक्षा मंत्री ने आगे कहा था कि लड़कियां एग्रीकल्चर और इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही थीं, लेकिन यह अफगान संस्कृति से मेल नहीं खाता था. लड़कियों को पढ़ाई करनी चाहिए, लेकिन उन क्षेत्रों में नहीं जो इस्लाम और अफगान सम्मान के खिलाफ जाते हैं. गौरतलब है कि तालिबान के अधिकारियों ने मंगलवार (20 दिसंबर) को अफगान लड़कियों के लिए यूनिवर्सिटी शिक्षा पर अनिश्चितकाल के लिए प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था. तालिबान शासन के शिक्षा मंत्रालय ने इसको लेकर सभी सरकारी और प्राइवेट यूनिवर्सिटी को पत्र जारी किया था.