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Homeअंतर्राष्ट्रीयचीन और ताइवान के बीच बढ़ता जा रहा तनाव

चीन और ताइवान के बीच बढ़ता जा रहा तनाव

China-Taiwan Dispute: चीन और ताइवान के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है. दोनों देश एक दूसरे को चेतावनी दे रहे हैं. ताइवान को डर है कि चाइना कभी भी घुसपैठ कर सकता है. ताइवानी रक्षा मंत्री खुद अलर्ट जारी कर चुके हैं. इसी बीच खबर आ रही है कि अमेरिका के स्पीकर केविन मैक्कार्थी ने ताइवान के राष्ट्रपति साई इंग वेन से मिलने की योजना बनाई है. यह मुलाक़ात चीन और ताइवान के तनाव को और बढ़ाने का काम कर सकती है. 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिका के स्पीकर केविन मैक्कार्थी और ताइवान के राष्ट्रपति साई इंग वेन की मुलाक़ात अमेरिका में होगी. हालांकि इस बात की आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है कि यह मुलाकात कब होगी और इसका असल उदेश्य क्या होगा. माना जा रहा है कि इस मुलाकात के बाद अमेरिका और चीन में कड़वाहट और तेज हो सकती है. रॉयटर्स समाचार एजेंसी के अनुसार ताइवान की राष्ट्रपति आने वाले हफ्तों में संयुक्त राज्य अमेरिका की यात्रा पर होंगी. इस दौरान वह यूएस हाउस स्पीकर केविन मैक्कार्थी से मिलने की योजना बना रही हैं. गौरतलब है कि पिछले साल अगस्त में अमेरिकी संसद में निचले सदन प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी ने ताइवान की यात्रा की थी. उनकी इस यात्रा के बाद से ताइवान और चीन के बीच तनाव बढ़ता चला गया.  चीन ने ताइवान के आसपास युद्ध जैसा माहौल बना दिया था. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ताइवान की राष्ट्रपति और अमेरिकी स्पीकर के बीच होने वाली मुलाकात के कई मायने हैं. अभी हाल ही में ताइवान के रक्षा मंत्री ने कहा था कि चीन की सेना ताइवान के क्षेत्रीय हवाई और समुद्री इलाके में घुसने का बहाना ढूंढ सकती है. हमें अलर्ट मोड पर रहने की जरुरत है. इसी बीच अमेरिकी स्पीकर से राष्ट्रपति की मुलाकत चीन के लिए एक मैसेज की तरह है. इससे पहले अमेरिका ताइवान की हमेशा मदद करता रहा है. उधर रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग में अमेरिका खुले तौर पर यूक्रेन के साथ है. वहीं चीन रूस के समर्थन में है. इसके साथ ही हाल में अमेरिका के आसमान में चीनी स्पाई बलून (जासूसी ग़ुब्बारा) मिलने के बाद दोनों देशों के बीच माहौल गरम है. ऐसे में ताइवान और अमेरिका के बीच की नजदीकियां चीन को उकसाने का काम कर सकती हैं. मालूम हो कि ताइवान इससे पहले भी कई बार कह चुका है कि वह अपनी आत्‍मरक्षा के अधिकार का प्रयोग करेगा और अगर चीन की सेनाएं उसके इलाके में घुसीं तो वह जवाबी हमला करेगा. 

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