गुजरात में विधानसभा चुनाव के लिए गांव से लेकर शहर तक राजनीतिक पक्षों का प्रचार-प्रसार जोर-शोर से चल रहा है. चुनाव की आपाधापी और शोर के बीच गुजरात के राजकोट जिले का एक गांव है राजसमाधियाला. इस गांव का अलग ही नियम है. इस गांव के मुखिया ने अपने गांव के लिए अलग नियम बनाए हैं. एबीपी न्यूज़ ने इस गांव के मुखिया और लोगों से बात की. आपको जानकर हैरानी होगी कि इस गांव में नियम बनाए गए हैं कि कोई भी चुनाव हो, गांव में कोई भी राजनीतिक पार्टी चुनाव प्रचार के लिए नहीं आ सकती है.
गांव के मुखिया हरदेव सिंह जडेजा ने एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत में बताया कि इस गांव ने साल 1983 से अपने अलग नियम बनाए हैं. आज तक इस गांव में कोई भी राजनीतिक पार्टी प्रचार के लिए नहीं आ सकी है और गांव का एक ये भी नियम है कि गांव के हर एक व्यक्ति को चुनाव में अपना वोट देना जरूरी है. गांव का जो व्यक्ति वोट नहीं देता, उसको 51 रुपये का दंड देना पड़ता है. राजसमाधियाला गांव के निवासी अशोक भाई रामानी ने बताया कि आपको यह जानकर हैरानी होगी कि इस गांव में कोई भी ग्रामीण नशा नहीं कर सकता, इसपर पूरी तरह से प्रतिबंध है और गांव में शराबबंदी लागू है. अगर कोई व्यक्ति गांव में शराब बेचता है या पीता है तो गांव के लोग उसपर कड़ी कार्रवाई करते हैं. इस गांव की अपनी अदालत है, जहां मामले की सुनवाई होती है और सजा भी मुकर्रर की जाती है. गांव के लोगों ने बताया कि हमारा गांव बहुत ही अच्छा और शानदार है, हम अपने गांव में ज्यादा खुश हैं और हमें शहर जाने की ख्वाहिश नहीं है. देश के कई ऐसे गांव है कि जहां पर चुनाव के दरम्यान और चुनाव के बाद झगड़ा और बवाल होते रहते है. अलग-अलग राजनीतिक दल चुनाव प्रचार को लेकर लोगों पर वोट देने का दबाव बनाते हैं और चुनाव प्रचार में भीड़ लगाते हैं, जिससे अशांति होती है, राजसमाधियाला गांव के लोगों का कहना है कि हम अपने गांव में चुनाव प्रचार नहीं करने देते. देश के अलग-अलग गांवों को भी इस गांव से सीख लेनी चाहिए.