जौनपुर धारा (सोहन लाल यादव)
जौनपुर। गंवई इलाके में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हैं। यहां पर न तो डॉक्टर के आने का समय है और न ही जाने का। देरी से अस्पताल आएंगे और जल्द घर लौट जाएंगे। उन्हीं के ढर्रे पर अब पैरामेडिकल स्टाफ ने भी राह पकड़ ली है। ग्यारह बजे तक ओपीडी में डॉक्टर गायब रहते हैं। जबकि दूर-दराज से आए मरीज और तीमारदार कतारों में लगकर डॉक्टरों के आने का इंतजार करते हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र करंजाकला पर समय से नही आते डॉक्टर व स्टॉफ कर्मचारी सुबह 8:00 बजे से मरीजों को दवा लेने के लिए एक से दो घंटे तक इंतजार करना पड़ता हैं।
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाख कोशिशों के बावजूद स्वास्थ्य सेवाएं सुधर नहीं रही हैं, जो डाक्टरों की मनमानी के चलते बदहाल होती जा रही हैं। यहां पर एक तो डाक्टर गायब रहते हैं, दूसरे अस्पताल में पर्याप्त सुविधाएं नहीं है। डॉक्टर मनमानी पर उतारू हैं। अवसर डॉक्टर अपने केबिनों से नदारद रहते हैं। बता दें कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र करंजाकला पर समय से डॉक्टर के न आने पर मरीज को घंटों तक प्रतीक्षा करना पड़ता है। गुरुवार को सुबह 8:30 तक नाहीं प्रयोगशाला लैब और न ही टीवी का रूम खुला मिलता है। सूत्रों की माने तो होम्योपैथिक के डॉक्टर ही एलोपैथ दवा भी लिख रहे हैं। एक तरफ मरीज डॉक्टरों को भगवान का दूसरा रूप मानते हैं, तो वहीं दूसरी तरफ डॉक्टर मरीज के साथ उनकी जिंदगी से खेलवाड़ भी करते देख जा रहे हैं। डॉक्टरों की इस मनमानी से मरीज का स्वास्थ्य ठीक होने के बजाय और खराब भी हो सकती है। जौनपुर धारा टीम के पड़ताल में मौके पर डॉ.संजय सिंह होम्योपैथिक फार्मासिस्ट, सत्यालाल वार्ड बॉय, शिवम मौर्य मौजूद मिले, बाकी सब नदारत दिखे। डॉ.संतोष जायसवाल सिंह पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि 8:30 बजे तक सारे स्टाफ पहुंच जाते हैं। वहीं मौजूद कुछ अन्य लोगों की मानी जाए तो डॉक्टर व स्टाफ जब मर्जी आते और जातें हैं। इसके चलते मरीजों को अस्पताल के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। घंटों मरीज डॉक्टरों के इंतजार में लाइनों में खड़े रहते हैं, लेकिन जब खड़े होने की हिम्मत नहीं होती, तो मायूस होकर अस्पताल से लौट जाते हैं।
- बिना सुविधा शुल्क के निःशुल्क एम्बुलेंस मरीजों नहीं पहुंचते घर
जौनपुर धारा, जौनपुर। सरकार ने लोगों की सुविधा के लिए नि:शुल्क 108-102 एम्बुलेंस की सुविधा उपलब्ध कराई है। इन दिनों सरकार के इस एंबुलेंस की फ्री सेवा अवैध उगाही का माध्यम बनते जा रहा है। ऐसी सूचना है कि निःशुल्क एंबुलेंस के ड्राइवर मरीज के परिजनों रुपयों की डिमांड करते है। ऐसे में सरकार की तरफ से मुफ्त की सेवा अब पेड सेवा में तब्दील होती दिख रही है।

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र करंजाकला में गुरुवार की सुबह एक महिला को प्रसव शुरू हुआ, तो परिजनों ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र करंजाकला ले गए। जहां पर महिला ने एक शिशु को जन्म दिया परिजनों ने जब घर ले जाने की बात कही तो बिना सुविधा शुल्क के जननी सुरक्षा को घर नहीं जाने दिया जा रहा था। बता दें कि दुधौरा गांव निवासी मुकेश कुमार की पत्नी माधुरी देवी को सुबह प्रसव पीड़ा शुरू हुई तो परिजनों ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र करंजाकला ले गए। जहां पर महिला ने शिशु को जन्म दिया चार घंटे बाद मरीज को बिना सुविधा शुल्क लिए जननी सुरक्षा को घर जाने नहीं दिया जाता। मरीज घर जाने के लिए 102एम्बुलेंस की सहायता लेता है। चालक मरीज को घर पहुंचने के लिए भी मोलभाव करते है। डॉ.संतोष जायसवाल ने बताया कि शिशु होने के 24घण्टे बाद डिस्चार्ज किया जाता है और मरीज को खाने के लिए क्या क्या दिया जाता है, जवाब देने से कतरा रहे हैं।