फ्रांस की विवादित मैगजीन शार्ली हेब्दो में सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई का कार्टून छपने से ईरान भड़का हुआ है. ईरान ने विरोधस्वरूप फ्रांस के दशकों पुराने रिसर्च इंस्टीट्यूट को बंद कर दिया है. ईरान के विदेश मंत्रालय ने विवादित कार्टून पर विरोध जताते हुए फ्रांस के रिसर्च इंस्टीट्यूट को बंद कर दिया और इसे जवाबी कार्रवाई का पहला कदम बताया है.
दरअसल फ्रांस की इस विवादित मैगजीन ने ईरान में सरकार विरोधी प्रदर्शनों के समर्थन में अयातुल्ला अली खामेनेई का एक कार्टून छापा था. ईरान के विदेश मंत्रालय का कहना है कि वह इस मामले को गंभीरता से लेगा और फ्रांस को कटघरे में खड़ा करने के लिए समय-समय पर कड़े कदम उठाएगा. बता दें कि बुधवार को विरोधस्वरूप ईरान ने फ्रांस के राजदूत को भी तलब किया था.
क्या है फ्रांस का रिसर्च इंस्टीट्यूट?
फ्रांस का दशकों पुराना रिसर्च इंस्टीट्यूट फ्रांस के विदेश मंत्रालय से जुड़ा हुआ है. इसका गठन 1983 में 19वीं सदी के आर्कियोलॉजिकल डेलीगेशन और ईरान स्टडीज इंस्टीट्यूट के मर्जर से हुआ था. इस इंस्टीट्यूट में एक विशाल लाइब्रेरी है, जिसमें 28,000 किताबें हैं. मध्य तेहरान में फ्रांस के दूतावास के पास स्थित इस इंस्टीट्यट के आसपास गुरुवार को भारी तादाद में सुरक्षाबलों को देखा गया. इस इंस्टीट्यूट की दीवारों पर ईरान सरकार के समर्थकों ने ग्रैफिटी की हुई थी, जिस पर लिखा हुआ था कि फ्रांस समलैंगिकों का देश है और ईशनिंदा की जगह है.
बता दें कि शार्ली हेब्दो पर इस्लाम से जुड़ी शख्सियतों और प्रतीकों के कार्टून प्रकाशित करने के आरोप लगते रहे हैं. आलोचकों का कहना है कि मैगजीन का यह काम मुस्लिमों के लिए अपमानजनक है.
फ्रांस की सबसे विवादित मैगजीन शार्ली हेब्दो में एक बार फिर कुछ ऐसा छपा है, जिसने ईरान को बुरी तरह भड़का दिया है. ईरान ने शार्ली हेब्दो में छपे नए कार्टून को लेकर फ्रांस को कड़ी चेतावनी दी है. ईरान ने फ्रांस को अपने हद में रहने की सलाह दी है.
शार्ली हेब्दो मैगजीन का जवाब
ईरान की इस प्रतिक्रिया के बावजूद शार्ली हेब्दो मैगजीन झुकने को तैयार नहीं है. मैगजीन की ओर से कहा गया है कि उसने बीते कुछ महीनों से ईरान में सरकार के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों की सच्चाई दिखाने की कोशिश की है.
शाली हेब्दो मैगजीन में छपने वाले कार्टून कई बार विवादों से घिर चुके हैं. सबसे ज्यादा विवाद उस समय हुआ था, जब मैगजीन में इस्लाम के आखिरी नबी कहे जाने वाले पैगंबर मोहम्मद का विवादित कार्टून छापा गया था.