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Homeअंतर्राष्ट्रीयभारत-अमेरिका सैन्य अभ्यास चीन पर लगातार सवाल

भारत-अमेरिका सैन्य अभ्यास चीन पर लगातार सवाल

चीन ने बुधवार को कहा कि वह वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास भारत-अमेरिका के संयुक्त सैन्य अभ्यास का विरोध करता है. इसके साथ ही चीन ने आरोप लगाया कि यह दिल्ली और बीजिंग के बीच हस्ताक्षरित दो सीमा समझौतों की भावना का उल्लंघन करता है.

बता दें कि वास्तविक नियंत्रण रेखा से लगभग 100 किमी दूर उत्तराखंड में भारत-अमेरिका संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘युद्ध अभ्यास’ का 18वां संस्करण जारी है. इसका उद्देश्य शांति स्थापना और आपदा राहत कार्यों में दोनों सेनाओं के बीच पारस्परिकता को बढ़ाना और विशेषज्ञता साझा करना है. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लीजियान ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि चीन-भारत सीमा पर LAC के करीब भारत और अमेरिका के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास 1993 और 1996 में चीन और भारत के बीच हुए समझौते की भावना का उल्लंघन करता है. पाकिस्तान के एक पत्रकार द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह चीन और भारत के बीच आपसी विश्वास को पूरा नहीं करता है.  चीनी विदेश मंत्रालय का 1993 और 1996 के समझौतों का संदर्भ देना दिलचस्प है, क्योंकि भारत ने मई 2020 में पूर्वी लद्दाख में  LAC में विवादित क्षेत्रों में बड़ी संख्या में सैनिकों को भेजने के पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के प्रयासों को द्विपक्षीय समझौतों का उल्लंघन करार दिया था, जिनके मुताबिक शांतिपूर्ण और मैत्रीपूर्ण  परामर्श के माध्यम से सीमा विवाद का का समाधान किया जाना है. इससे पहले बुधवार को भारत और अमेरिका की सेना का संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण युद्धाभ्यास हुआ. दोनों देशों के सैनिकों ने पहाड़ी इलाकों में आपदा के दौरान स्थिति को संभालने को लेकर अभ्यास किया. अमेरिकी सेना के अधिकारी ब्रैडी कैरोल ने कहा कि हम फ्लैश फ्लड और इसी तरह की स्थितियों के बारे में एक संयुक्त अभ्यास कर रहे हैं. यह भारतीय सेना और अमेरिकी सेना के बीच रक्षा सहायता मिशन और संबंधों को और मजबूत करने पर केंद्रित है. सेना ने 19 नवंबर को ट्वीट किया था कि भारत-अमेरिका संयुक्त ‘युद्ध अभ्यास’ का 18वां संस्करण ‘फॉरेन ट्रेनिंग नोड’ औली में शुरू हुआ. संयुक्त अभ्यास का उद्देश्य पारस्परिकता को बढ़ाना और शांति बनाए रखने और आपदा राहत कार्यों में दोनों सेनाओं के बीच विशेषज्ञता साझा करना है.

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