कांग्रेस नेता शशि थरूर एनसीपी में जाएंगे या नहीं, इसे लेकर उन्होंने अपना रुख स्पष्ट किया है. केरल एनसीपी अध्यक्ष पीसी चाको के बयान के कुछ ही घंटों बाद कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने स्पष्ट कर दिया कि वह एनसीपी में नहीं जा रहे हैं. थरूर ने यह भी कहा कि पीसी चाको के साथ ऐसी बातें नहीं हुईं. थरूर ने कोच्चि में संवाददाताओं के सवालों के जवाब देते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी.
दरअसल, केरल एनसीपी अध्यक्ष पीसी चाको के एक बयान के बाद ऐसी अटकलें लगने लगी थीं कि कांग्रेस का हाथ छोड़ थरूर एनसीपी का दाम थाम सकते हैं. चाको पहले कांग्रेस में रह चुके हैं. रविवार (4 दिसंबर) को चाको ने कन्नूर से थरूर को एनसीपी में आने का न्योता दिया था. पीसी चाको ने कहा था, ”अगर कांग्रेस सांसद शशि थरूर एनसीपी में आते हैं तो हम गर्मजोशी से उनका स्वागत करेंगे. शशि थरूर तिरुवनंतपुरम के सांसद बने रहेंगे भले ही कांग्रेस पार्टी उन्हें खारिज कर दे. मुझे नहीं पता कि कांग्रेस थरूर को क्यों नजरअंदाज कर रही है. जानकारी के अनुसार चाको के न्योते पर शशि थरूर ने कहा, ”मेरा स्वागत होना चाहिए अगर मैं वहां जा रहा हूं. मैं वहां नहीं जा रहा हूं. पीसी चाको के साथ ऐसी बातों पर चर्चा नहीं हुई. पीसी चाको ने कहा था, ”केवल शशि थरूर ही कांग्रेस के ऐसे योग्य नेता है जो बीजेपी को चुनौती दे सकते हैं. क्या केरल में कांग्रेस का कोई नेता शशि थरूर की ओर से विझिंजम बंदरगाह के निर्माण के मुद्दे पर दी गई राय व्यक्त कर सकता है? यह थरूर की राजनीतिक मैच्योरिटी का उदाहरण है. क्या केरल में कांग्रेस का कोई नेता ऐसे बोल सकता है? चाको ने आगे कहा, ”शशि थरूर तिरुवनंतपुरम के सांसद बने रहेंगे भले ही कांग्रेस उन्हें ठुकरा दे लेकिन कांग्रेस ही एक ऐसी पार्टी है जो इसे नहीं समझती. मुझे नहीं पता कि कांग्रेस थरूर को अनदेखा क्यों कर रही है, क्या यह ईर्ष्या के कारण है? मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, थरूर के लिए चाको का यह ऑफर ऐसे समय आया जब केरल कांग्रेस में सबकुछ ठीक नहीं है. थरूर पिछले कुछ दिनों से राज्य में धार्मिक और राजनीतिक हस्तियों के साथ कार्यक्रमों में देखे जा रहे हैं और उनके साथ बैठकें करने भी खबरें आई हैं.