नियंत्रित उपयोग के तहत दी जा सकेगी इनकोवैक नाक की खुराक

भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड ने सोमवार को घोषणा की कि इनकोवैक नाक से खुराक देने वाली (बगैर सुई के) दुनिया की पहली कोविड वैक्सीन बन गई है. अंग्रेजी में इसे इंट्रानेजल कोविड वैक्सीन कहा जाता है. कंपनी ने प्रेस रिलीज में बताया कि केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने आपातकालीन स्थिति में नियंत्रित उपयोग के तहत सभी वयस्कों के लिए इसकी दोनों प्रकार की खुराक- प्राइमरी सीरीज और हेट्रोलगस के लिए मंजूरी दे दी है. इसका मतलब है कि भारत में 18 साल या उससे ज्यादा उम्र के लोगों में आपात स्थिति में नियंत्रित उपयोग के तहत इसकी खुराक दी जा सकेगी.

भारत बायोटेक के बयान के मुताबिक, iNCOVACC आसान भंडारण और वितरण के लिए दो से आठ डिग्री सेल्सियस पर रखी जा सकती है. भारत बायोटेक का कहना है कि नाक के माध्यम से दिए जाने वाले इस टीके को विशेष रूप से कम और मध्यम आय वाले देशों के हिसाब से डिजाइन और विकसित किया गया है. वैक्सीन को अमेरिका के मिसूरी के सेंट लुइस स्थित वाशिंगटन विश्वविद्यालय के साथ साझेदारी में विकसित किया गया है. कंपनी के मुताबिक, वैक्सीन को तीन चरणों के क्लीनिकल ट्रायल से गुजारा गया. वैक्सीन लेने वालों का परीक्षण किया गया और सफल परिणाम आने के बाद उसे खास तौर से नाक में ड्रॉप (बूंद) के जरिये डालने के लिए विकसित किया गया है. बयान के मुताबिक, प्रोडक्ट डेवलपमेंट और क्लीनिकल ट्रायल को आंशिक रूप से भारत सरकार की ओर से वित्त पोषित किया गया था. भारत बायोटेक के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉ. कृष्णा एल्ला ने कहा, ”iNCOVACC, प्राथमिक 2-खुराक शेड्यूल और हेट्रोलगस बूस्टर खुराक के लिए एक इंट्रानेजल वैक्सीन है. यह हमारे और वैश्विक वैज्ञानिक समुदाय के लिए एक बड़ी उपलब्धि है जिससे कोविड वैक्सीन के नेजल प्रबंधन को सक्षम किया जा सकता है.” उन्होंने कहा, ”कोविड वैक्सीन में मांग में कमी के बावजूद, हमने इंट्रानेजल टीकों में उत्पाद विकास जारी रखा है ताकि भविष्य के संक्रामक रोगों के लिए प्लेटफॉर्म टेक्नोलॉजी के साथ अच्छी तरह से तैयार रहें.

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