जौनपुर धारा,जौनपुर। नवरात्रि 9 दिनों के पर्व में मां दुर्गा के 9 अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। भारतीय संस्कृति में कन्याओं को दुर्गा का रूप माना जाता है। चैत्र नवरात्रि व्रत को बिना कन्या पूजन के पूर्ण नहीं माना जाता है। मनुष्य कन्या पूजन करके मां भगवती की विशेष कृपा पा सकता है।

अष्टमी और नवमी में किया गया कन्या पूजन श्रेष्ठ माना जाता है। नगर क्षेत्र के मन्दिरों से लेकर श्रध्दालुओं के घरों पर नवरात्रि की नवमी को हवन पूजन के साथ देवी रूपी कन्याओं का पूजन कर उन्हें भोज कराया गया। देवी पुराण के अनुसार मां दुर्गा जितना प्रसन्न कन्या पूजन से होती हैं उतना वह हवन और दान से भी नहीं होती हैं। 9कन्याओं का पूजन करने से संसार में कीर्ति बढ़ती है। सुबह उठकर स्नान आदि करने के बाद देवी मां की पूजा कर भक्तों ने मां को हलवा, पूड़ी, खीर, कच्चा नारियल का भोग लगाया। कन्याओं को सबसे पहले शुद्ध जल में हल्दी मिलाकर उनके चरण धोए गये तत्पश्चात उन्हें साफ आसन पर बैठाया गया। इसके बाद उन्हें टीका लगाया और कलाई पर कलावा बांध कर दुर्गा स्वरुप इन कन्याओं को पूड़ी, चना, हलवा, नारियल आदि का भेजन कराकर उनके चरण स्पर्श कर वस्त्र, फल और दक्षिणा देकर उन्हें विदा किया गया। इसी क्रम में सब्जी मंडी स्थित काली मंदिर में नवरात्रि के अंतिम दिन नौ कन्याओं को देवी रूप धारण कर कर श्रद्धालुओं द्वारा भोग प्रसाद ग्रहण कराया गया। इसके उपरांत माता के प्रसाद रूपी भंडारा प्रारंभ हुआ। वहीं दूसरी ओर राम नवमी से एक दिन पूर्व ताड़तला के तूतीपुर रोड़ पर शीतला माता मन्दिर परिसर में भी पूजा-अर्चना करते हुए देवी माँ के श्रृंगारउत्सव का आयोजन किया गया। जिसमें क्षेत्र के लोगों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया।