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Homeअपना जौनपुरत्रिकोणीय रण के बीच मतदातओं को रिझाने में जुटे उम्मीदवार

त्रिकोणीय रण के बीच मतदातओं को रिझाने में जुटे उम्मीदवार

  • भाजपा व सपा के उम्मीदवारों पर रहा है घोटाले का आरोप
  • छठे चरण के लिये तैयारियां तेज, जारी है नामांकन का दौर

जौनपुर धारा,जौनपुर। लोकसभा चुनाव के छठे चरण में होने वाले चुनाव के लिए सोमवार से नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। देश में दुनिया के सबसे बड़े चुनावी उत्सव की तैयारियां शुरू होने के साथ ही राजनीतिक दल मतदाताओं के मनोविज्ञान पर असर डालने के लिए व्हाट्सऐप जैसे ‘मैसेजिंग’ मंच और सोशल मीडिया ‘इन्फ्लूएंसर्स’ का सहारा ले रहे हैं। चुनाव से पहले ही राजनीतिक दल अपनी उपलब्धियों का प्रचार करने व मतदाताओं से समर्थन मांगने के लिए व्यापक पैमाने पर सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे हैं। इस समय सोशल मीडिया पर प्रचार के लिए सबसे पसंदीदा मंच फेसबुक अब राजनीतिक पेज पर विज्ञापनों संबंधी कई पाबंदियों के कारण राजनीतिक दलों को पसंद नहीं रहा है। लोकसभा चुनाव में सियासी पार्टियां और उम्मीदवार वोटरों को रिझाने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। तमाम ऐसे मुद्दे हैं, जिन पर वोट मांगे जा रहे हैं। बेरोजगारी की समस्या हर दिन बढ़ती जा रही है। ऐसे में चुनावी मौसम में अपनी समस्याओं और ज़रूरी मुद्दों को कुछ समय के लिए भूलकर जाति-धर्म, क्षेत्र और नेताओं की बयानबाजी और भड़काऊ भाषण में ही मगन हैं। छठें चरण के रण में इस बार वैसे तो सभी सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है, लेकिन यूपी की जौनपुर सीट पर लोगों की ख़ास निगाहें हैं। इस सीट पर भाजपा के कृपाशंकर सिंह  मैदान में है जिनका कभी महाराष्ट्र की राजनीति कांग्रेस पार्टी में दबदबा रहा। कृपाशंकर सिंह मूल रूप से जौनपुर के रहने वाले हैं। साल 2004 की कांग्रेस सरकार में गृह राज्य मंत्री भी रह चुके हैं। कभी उनके ऊपर संपत्ति अवैध ढंग से इकट्ठा करने का भी आरोप लगा था। फिलहाल कुछ समय पहले उन्होने कांग्रेस का दामन छोड़कर भाजपा में शामिल हुए और अब जौनपुर से एक मजबूत दावेदारी कर रहें हैं। वहीं सपा के प्रत्याशी बाबू सिंह कुशवाहा पर भी कभी एनआरएचएम घोटाले का आरोप लगा था। जिसमें उनके ऊपर करोड़ों की ब्लैक मनी को वाइट मनी करने में आईएएस प्रदीप शुक्ला के रिश्तेदारों का भी सहारा लेने का आरोप लगा था। इनमें सात रिश्तेदारों के नाम सामने आए हैं। 400 करोड़ रुपए का मामला बताया जा रहा था। उस दौरान उनके रिश्तेदार का गोमतीनगर का मकान भी सील कर दिया था। बाबू सिंह कुशवाहा पर भ्रष्टाचार के आरोपों को दरकिनार करते हुए अब सपा ने उन्हें जौनपुर से मैदान में उतारा है। हालांकि बसपा सरकार में वे कायाकल्प मंत्री रहें हैं। वहीं जौनपुर से बसपा पार्टी से पूर्व सांसद रहें धनंजय सिंह की पत्नी को श्रीकला को बसपा ने रण क्षेत्र में जौनपुर से दांव आजमाया है। हांलाकि इस क्षेत्र से पहले धनंजय सिंह चुनाव लड़ने की तैयारी में थे। लेकिन इन दिनों उन्हे कोर्ट से सात साल की सजा सुनाये जाने के बाद चुनावी रण से उन्हे बाहर होना पड़ा। ऐसे में उन्होने अपनी पत्नी वर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीकला को लोकसभा चुनाव लड़ाने का पैâसला लिया हैं। इस दृष्टि से जौनपुर की यह सीट त्रिकोणीय बन गई है। चुनाव में विजेता का परिणाम तो चुनाव बाद घोषित होगा, लेकिन एक साफ छवि मानी जा रही श्रीकला को बसपा से टिकट मिलने के बाद उनकी दावेदारी भी कुछ कम नहीं है। इसी गरमा-गरमी के बीच अब जौनपुर से पर्चा दाखिला का दौर लगातार जारी है। भीषण गर्मी के बीच जौनपुर के चुनावी रण में भी आये दिन गर्मी बढ़ती ही जा रही है। प्रत्याशी चुनावी घोषणाओं को लेकर जनता के बीच तरह-तरह के वादों को लेकर अपनी छवि बनाने में जुटें हैं। तो वहीं जौनपुर के गली-कुची, नुक्कड़-चौराहे व चाय-पान की दुकानों पर जाति समीकरण बताकर मतदान में पहले ही जीत पर मुहर लगाने से बाज नहीं आ रहें है। हालांकि यह सीट इस समय सबसे हॉट व दिलचस्प मानी जा रही है। क्योंकि जौनपुर से तीन मुख्य पार्टियों से राजनीति के क्षेत्र में दिग्गजों का चेहरा सामने हैं। जहाँ भाजपा व सपा के उम्मीदवारों पर करोड़ों के घोटाले का आरोप रहा है तो वहीं बसपा की साफ-सुथरी छवि वाली प्रत्याशी अपने पति के भरोसे चुनावी मैदान में हैं, जिन्हे जौनपुर का बाहुबली नेता माना जाता है और पहले से कई क्राइम के मामलों में उनका नाम रहा है और वर्तमान में एक मामले में सात साल की सजा भी हो चुकी है। हालांकि हाई कोर्ट से उन्हे जमानत मिल गई है लेकिन सजा पर कोर्ट में मामला विचाराधीन है। ऐसे में यह कह पाना बहुत मुश्किल है कि किसके सिर पर विजेता का ताज रखा जायेगा।

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