Become a member

Get the best offers and updates relating to Liberty Case News.

― Advertisement ―

spot_img
Homeदेशचार लेन हाईवे के कंस्ट्रक्शन ने पूरे सिस्टम को कर दिया कमजोर

चार लेन हाईवे के कंस्ट्रक्शन ने पूरे सिस्टम को कर दिया कमजोर

उत्तराखंड के सिंकिंग टाउन जोशीमठ में भू-धंसाव को देखते हुए सरकार ने कई परिवारों को अस्थायी जगहों पर शिफ्ट कर दिया है. हालांकि मुसीबत अभी टली नहीं है और जमीन धंसने की घटनाएं लगातार आ रही हैं. इसी बीच केंद्र सरकार हालात पर नजर बनाए हुए है. इस मामले पर प्रधानमंत्री कार्यालय में रविवार को एक महत्वपूर्ण बैठक हुई.  जोशीमठ को लेकर चौतरफा प्रतिक्रिया आ रही है, इसी बीच इंडियन नेशनल साइंस एकेडमी (INSA) के साइंटिस्ट डीएम बनर्जी ने जोशीमठ को लेकर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने इस स्थिति के पीछे वहां हो रहे विकास को जिम्मेदार ठहराया है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि विकास कार्य जैसे फोर लेन हाईवे निर्माण पूरे सिस्टम को कमजोर कर रहा है. 

आपदा के पीछे विकास जिम्मेदार 

एएनआई से बात करते हुए, बनर्जी ने कहा कि जोशीमठ मध्य हिमालय का एक हिस्सा है. यहां की चट्टानें प्रीकैम्ब्रियन युग से हैं और क्षेत्र भूकंपीय क्षेत्र-4 का है. उन्होंने कहा कि जोशीमठ की मूलभूत समस्या यह है कि यह बहुत कमजोर जमीन पर स्थित है. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि जोशीमठ में आई इस आपदा के पीछे कहीं ना कहीं यहां हुआ विकास भी जिम्मेदार है. इसके अलावा लोगों को इस भूमि पर 3-4 मंजिल वाले घर नहीं बनाने चाहिए थे.  जोशीमठ की भौगोलिक स्थिति के बारे में डीएम बनर्जी ने बताया कि उत्तराखंड का आपदा झेल रहा शहर एक प्रमुख ढलान पर स्थित है. जो कि लगभग 6000-7000 साल पहले हुए भूस्खलन से निर्मित है. यहां तक की ये पूरी पर्वत श्रृंखला जहां भी माउंट हाउस है, वे उचित स्थिति में नहीं हैं. 

इस वजह से आई आपदा 

उन्होंने कहा कि जोशीमठ को एक बड़े शहर की तरह विकसित नहीं होना चाहिए था. जोशीमठ को पहले की तरह एक छोटा गांव जैसा ही रहना चाहिए था. अगर ऐसा रहा होता तो ऐसी नौबत नहीं आई होती. बता दें कि जोशीमठ की सड़कों, घर, ऑफिस, मैदान, होटल, स्कूल आदि में भूमि दरकने के कारण बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं.

Share Now...