तमिलनाडु के लिए कावेरी नदी का पानी छोड़ने के कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार के फैसले पर बीजेपी और जेडीएस ने निशाना साधा. दोनों पार्टियों ने 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले अपने ‘इंडिया’ गठबंधन को बचाने के लिए राज्य के लोगों और उसके किसानों को ‘धोखा’ देने का आरोप लगाया. तमिलनाडु की सत्ताधारी डीएमके विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ का प्रमुख घटक है. बीजेपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि ऐसा लगता है कि राज्य के हित पर राजनीति को प्राथमिकता दी गई है, एक अन्य पूर्व सीएम और जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी ने आरोप लगाया कि सिद्धारमैया प्रशासन ने इस मुद्दे पर लोगों और विपक्ष को विश्वास में नहीं लिया है.
बसवराज बोम्मई ने क्या कहा?
बसवराज बोम्मई ने आरोप लगाया, “कांग्रेस ने अन्य दलों के साथ हाल ही में इंडिया गठबंधन शुरू किया है, और तमिलनाडु में उनका सहयोगी डीएमके है. उनके (तमिलनाडु सरकार) के मुद्दा उठाने के तुरंत बाद इस सरकार ने तमिलनाडु के लिए पानी छोड़ा, ऐसा लगता है कि इसका उद्देश्य उन्हें खुश करना और लोकसभा चुनावों के लिए गठबंधन के प्रबंधन की खातिर उनकी नजरों में अच्छे बने रहना है.”
एचडी कुमारस्वामी ने क्या बोले?
कुमारस्वामी ने भी इस मुद्दे पर डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार, जो जल संसाधन मंत्री भी हैं, पर निशाना साधते हुए सरकार से तमिलनाडु को पानी छोड़ने पर तुरंत रोक लगाने का आग्रह किया. उन्होंने कांग्रेस सरकार पर ‘इंडिया’ गठबंधन में जान फूंकने के लिए कावेरी नदी के पानी के संबंध में राज्य के हितों का बलिदान करने का आरोप लगाते हुए कन्नडिगाओं, विशेषकर किसानों से ‘विश्वासघात’ करने का आरोप लगाया.
मामला क्या है?
तमिलनाडु ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और कर्नाटक को खड़ी फसलों के लिए रोजाना 24,000 क्यूसेक कावेरी पानी छोड़ने का निर्देश देने की मांग की. इसके बाद, शिवकुमार ने मंगलवार (15 अगस्त) को कहा था कि कर्नाटक कावेरी नदी का 10 टीएमसीएफटी पानी पड़ोसी राज्य तमिलनाडु के लिए जारी करेगा. उन्होंने यह भी कहा था कि मानसून की कमी के कारण राज्य के पास पीने के पानी और कृषि जैसी जरूरतों को पूरा करने के लिए बांधों में पर्याप्त पानी नहीं है.