अयोध्या : भले ही आज अयोध्या के राम मंदिर का आज दुनिया भर के लोग गुणगान कर रहे हैं, लेकिन भगवान राम की जन्मस्थली में कई ऐसे गुप्त दिव्य स्थान है जिसे अधिकतर लोग नहीं जानते हैं. उन्हीं में से एक स्थान है नागेश्वरनाथ मंदिर. यह अयोध्या के उन महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में से एक है जो पर्यटकों और श्रद्धालुओं के बीच उतना प्रसिद्ध नहीं है, लेकिन इसका धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व बहुत अधिक है. यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और इसके साथ कई पौराणिक और ऐतिहासिक कथाएं जुड़ी हुई हैं.
नागेश्वरनाथ मंदिर का निर्माण त्रेता युग में भगवान राम के पुत्र कुश द्वारा किया गया था. धार्मिक मान्यता के अनुसार, एक बार कुश सरयू नदी में स्नान कर रहे थे, तभी उनका बाजूबंद पानी में गिर गया. एक नागकन्या ने बाजूबंद को पाया और वापस कुश को लौटा दिया. नागकन्या भगवान शिव की परम भक्त थी.कुश ने उसकी श्रद्धा देखकर यह मंदिर बनवाया और इसे नागेश्वरनाथ नाम दिया.
स्थापत्य कला
नागेश्वरनाथ मंदिर का वास्तुशिल्प अद्वितीय है और इसमें प्राचीन भारतीय स्थापत्य कला की झलक मिलती है. मंदिर के गर्भगृह में शिवलिंग स्थापित है, जिसके दर्शन के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं. मंदिर की दीवारों पर की गई नक्काशी और मूर्तिकला प्राचीन काल की उत्कृष्ट कला को प्रदर्शित करती हैं.
धार्मिक महत्व
नागेश्वरनाथ मंदिर का धार्मिक महत्व अत्यधिक है. महाशिवरात्रि और नाग पंचमी के अवसर पर यहां विशेष पूजा-अर्चना होती है और भव्य आयोजन किए जाते हैं. स्थानीय लोग और श्रद्धालु यहां नियमित रूप से पूजा करने आते हैं और भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. यह मंदिर शिवभक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है.
प्राकृतिक सुंदरता और शांति
नागेश्वरनाथ मंदिर का परिसर हरियाली और प्राकृतिक सुंदरता से घिरा हुआ है. यहां का शांतिपूर्ण वातावरण ध्यान और ध्यान के लिए उपयुक्त है. सरयू नदी के निकट स्थित यह मंदिर पर्यटकों को एक आध्यात्मिक और सुकूनभरा अनुभव प्रदान करता है.