मनमोहन सिंह, इंदिरा गांधी, जवाहरलाल नेहरू को छोड़ा पीछे
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को गुयाना के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ एक्सीलेंस’ से सम्मानित किया गया। पीएम मोदी का यह 14वां अवसर था जब उन्होंने किसी विदेशी संसद में भारत की ओर से सम्बोधित किया। प्रधानमंत्री मोदी को विदेशी संसदों में सबसे अधिक बार भाषण देने वाले भारतीय प्रधानमंत्री होने का गौरव प्राप्त है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा सात विदेशी संसदों में दिए भाषणों की संख्या से दोगुना है। इंदिरा गांधी ने विदेशी संसदों को चार बार संबोधित किया था, जबकि जवाहरलाल नेहरू ने तीन बार. राजीव गांधी और अटल बिहारी वाजपेयी ने दो बार ऐसे भाषण दिए, वहीं मोरारजी देसाई और पीवी नरसिम्हा राव ने केवल एक बार किसी विदेशी संसद को संबोधित किया था। प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले कुछ वर्षों में अमेरिका, यूरोप, अप्रâीका, ऑस्ट्रेलिया और एशिया की संसदों में भाषण दिए हैं। महाद्वीपों से परे उनके भाषण वैश्विक मंच पर भारत के बढ़ते प्रभाव का प्रमाण हैं। पीएम मोदी के पिछले संबोधनों की बात करें तो उन्होंने दो बार अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई 2016 में और फिर 2023 में। 2014 में प्रधानमंत्री मोदी ने ऑस्ट्रेलिया और फिजी की संसदों को संबोधित किया। 2015 में उन्होंने ब्रिटिश संसद को संबोधित किया। प्रधानमंत्री मोदी ने 2015 में मॉरीशस की नेशनल असेंबली और 2018 में युगांडा की संसद को संबोधित किया। 2014 में पीएम मोदी ने भूटानी संसद और नेपाल संविधान सभा के संयुक्त सत्र को, 2015 में श्रीलंका, मंगोलिया और अफगानिस्तान की संसदों को और 2019 में मालदीव की संसद को संबोधित किया।