नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में देपसांग और डेमचोक में चल रहा ये डिसइंगेजमेंट लगभग पूरा हो चुका है और अपने अंतिम चरण में है। दोनों पक्षों की तरफ से संरचनाओं को हटाने का वेरिफिकेशन किया जाएगा। यह क्रॉस वेरिफिकेशन कल तक पूरा हो सकता है। पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर दोनों देशों की सेनाएं 25 अक्टूबर से पीछे हट रही हैं। रक्षा सूत्रों की मानें तो डेमचोक और देपसांग में ये डिसइंगेजमेंट अब अपने अंतिम चरण में है। दोनों सेनाओं ने अपने अस्थायी टेंट और शेड हटा लिए हैं और गाड़ियां व मिलिट्री उपकरण भी पीछे हट चुके हैं।
रक्षा सूत्रों के मुताबिक पूर्वी लद्दाख में देपसांग और डेमचोक में चल रहा ये डिसइंगेजमेंट लगभग पूरा हो चुका है और अपने अंतिम चरण में है। दोनों पक्षों की तरफ से संरचनाओं को हटाने का वेरिफिकेशन किया जाएगा। यह क्रॉस वेरिफिकेशन कल तक पूरा हो सकता है। क्रॉस-वेरिफिकेशन पूरा होने के बाद डिसइंगेजमेंट को आधिकारिक स्वीकृति दी जाएगी। सूत्रों का कहना है कि इस महीने के अंत तक पहली गश्त फिर से शुरू हो जाएगी। इस महीने को खत्म होने में अब सिर्फ तीन दिन बचे हैं। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि गश्त अगले 72 घंटों में शुरू हो सकती है। हालांकि क्षेत्र में अभी भी चीनी सेना के स्ट्रक्चर बने हुए हैं, जो दिखाते हैं कि गतिरोध के दौरान कैसे चीन ने वहां निर्माण कार्य किया था। दोनों पक्षों को उम्मीद है कि अगले कुछ दिनों में डिसइंगेजमेंट की प्रक्रिया समाप्त हो जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने रूस में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान इन घटनाक्रमों पर चर्चा की थी, जो 2019 के बाद से उनकी पहली द्विपक्षीय बैठक थी। गतिरोध मई 2020 में शुरू हुआ, जो जून में गलवान में हिंसक झड़प में बदल गया, जिसके परिणामस्वरूप दोनों पक्षों में सैनिक हताहत हुए थे। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने जानकारी दी थी कि देपसांग और डेमचोक क्षेत्रों में गश्त और चरवाहों से संबंधित गतिविधियां 2020 से पहले जैसी स्थिति में वापस आ जाएंगी। देपसांग और डेमचोक से पीछे हटने की जानकारी 18 अक्टूबर को सामने आई थी। बताया गया था कि यहां से दोनों सेनाएं अप्रैल 2020 से पहली की स्थिति में वापस लौटेंगी साथ ही उन्हीं क्षेत्रों में गश्त करेंगी जहां अप्रैल 2020 से पहले किया करती थीं। इसके अलावा कमांडर लेवल मीटिंग होती रहेगी। 2020 में भारत-चीन के सैनिकों के बीच गलवान झड़प के बाद से देपसांग और डेमचोक में तनाव बना हुआ था।