- संशोधन विधेयक के विरोध में ट्रेजरी व रजिस्ट्री कार्यालय कराया बंद
जौनपुर धारा, जौनपुर। सरकार द्वारा लाए गए नए अधिवक्ता कानून 2025 के विरोध में वकीलों ने आज बड़ा प्रदर्शन किया। दीवानी बार एसोसिएशन और कलेक्ट्रेट बार एसोसिएशन के सैकड़ों अधिवक्ताओं ने रजिस्ट्री कार्यालय का घेराव किया। प्रदर्शन के दौरान वकीलों ने डीएम कार्यालय और कोषागार का भी घेराव किया। दीवानी न्यायालय के अध्यक्ष सुभाष चंद्र यादव के नेतृत्व में हुए इस विरोध प्रदर्शन में हजारों वकील शामिल हुए। प्रस्तावित अधिवक्ता संशोधन विधेयक 2025 के विरोध में बार काउंसिल आफ उत्तर प्रदेश के आह्वान पर दीवानी बार के अध्यक्ष सुभाष चंद्र यादव व मंत्री रण बहादुर यादव के नेतृत्व में अधिवक्ता जुलूस की शक्ल में नारेबाजी प्रदर्शन करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे। वहां कलेक्ट्रेट के अध्यक्ष घनश्याम सिंह व मंत्री मनोज मिश्रा व अन्य अधिवक्ताओं के साथ ट्रेजरी व रजिस्ट्री कार्यालय का घेराव कर दोनों कार्यालय बंद कराया।सरकार विरोधी नारेबाजी व प्रदर्शन किया। उन्होने एक सुर में कहा कि यदि काला कानून वापस नहीं हुआ तो सरकार के राजस्व के स्रोत आबकारी विभाग, ट्रेन, रोडवेज, आरटीओ को बंद कराएंगे। अधिवक्ताओं की एक पार्टी बनाई जाएगी जो पूरे देश में चुनाव लड़ेगी। विधानसभा और लोकसभा में हर जनपद में अधिवक्ताओं के लिए सीट सुरक्षित होनी चाहिए। सरकार को अपनी ताकत का एहसास दिलाएंगे। अधिवक्ताओं का आंदोलन जारी रहेगा और विधेयक सरकार को वापस लेना पड़ेगा।अधिवक्ता बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सुभाष यादव ने मीडिया से बातचीत में कहा कि नया कानून वकीलों के हित में नहीं है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार इस कानून को वापस नहीं लेती है तो वकील बड़ा आंदोलन करेंगे। यादव ने कहा कि वे सरकारी आमदनी को प्रभावित करेंगे। साथ ही सभी कार्यालयों का घेराव करेंगे और रेल रोको आंदोलन भी करेंगे। आंदोलन में पूर्व अध्यक्ष तेज बहादुर सिंह, सत्येंद्र बहादुर सिंह, ब्रजनाथ पाठक, समर बहादुर यादव, रमेशचंद्र उपाध्याय, हिमांशु श्रीवास्तव, जयप्रकाश कामरेड, ज्ञानेंद्र दुबे, मोहम्मद उस्मान, विनोद श्रीवास्तव, यशवंत ओझा, अजीत सिंह, ओम प्रकाश पाल,सुरेंद्र प्रजापति, पंकज त्रिपाठी, सी.पी.दुबे, अरविन्द मौर्य, भारत सिंह, तुलसीराम यादव, इंद्रजीत पाल, अरविन्द सिंह, घनश्याम यादव, राजकुमार यादव, मंजू शास्त्री, श्रवण यादव, बाढ़ू राम सोनकर, दान बहादुर यादव, सुधीर सिंह, श्रीप्रकाश यादव आदि अधिवक्ता उपस्थित थे।