- सेवा को भेदभाव की दृष्टि से न देखकर निष्काम भाव से करे
जौनपुर धारा, जौनपुर। इस संसार में अनेक प्रकार के लोग रहते हैं जिनकी अलग-अलग भाषा, वेश-भूषा, खान-पान, जाति, धर्म और संस्कृति आदि हैं। पर इतनी विभिन्नताओं के रहते भी, हम सब में एक बात सामान्य है कि हम सब इंसान हैं। कैसा भी हमारा रंग हो, वेश हो, देश हो या खान-पान, सबकी रगों में एक सा रक्त बहता है और सब एक जैसी सांस लेते हैं। हम सब परमात्मा की संतान हैं। इसी भाव को अनेक संतों ने अलग-अलग समय और स्थानों पर अपनी भाषा और शैली में ‘समस्त संसार, एक परिवार’ के सन्देश के रूप में व्यक्त किया। पिछले लगभग 95वर्षों से संत निरंकारी मिशन भी इसी सन्देश को न केवल प्रेषित कर रहा है, बल्कि अनेक सत्संग और समागम का नियमित रूप से आयोजित कर, इस सन्देश का जीवंत उदाहरण भी पेश कर रहा है। मिशन के लाखों भक्त इस वर्ष भी 16, 17 और 18 नवम्बर को संत निरंकारी आध्यात्मिक स्थल, समालखा, हरियाणा में होने वाले 77वें वार्षिक निरंकारी संत समागम में पहुँचकर मानवता के महाकुम्भ का एक बार फिर से नज़ारा सजाने जा रहे हैं। उक्त जानकारी स्थानीय मीडिया सहायक उदय नारायण जायसवाल ने देते हुए आगे बताया कि इस संत समागम की भूमि को समागम के लिए तैयार करने की सेवा का शुभारम्भ 6अक्टूबर को हर वर्ष की भांति सतगुरु माता सुदीक्षा महाराज और निरंकारी राजपिता के कर-कमलों द्वारा किया गया। इस अवसर पर मिशन की कार्यकारिणी के सभी सदस्य, केंद्रीय सेवादल के अधिकारी और सत्संग के अन्य हज़ारों अनुयायी मौजूद रहे।