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योग शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद : दिनेश टंडन

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Jaunpur Dhara News : राष्ट्रीय सर्पदंश दिवस पर जागरूक कार्यक्रम का हुआ आयोजन

जौनपुर धारा, जौनपुर। राष्ट्रीय सर्पदंश कार्यक्रम के अन्तर्गत 19 सितम्बर को अन्तराष्ट्रीय सर्पदंश जागरूकता दिवस मुख्य चिकित्सा अधिकारी की अध्यक्षता में सभागर कक्ष में आयोजित किया गया। जिसमें समस्त सामु./प्रा.स्वा.केन्द्र एवं कार्यालय के अधिकारी व कर्मचारी ने प्रतिभाग किया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया गया कि सांप की प्रजातियों के बारे में बताया कि भारत में पाये जाने वाले 15प्रतिशत सांप ही विषैले होते हैं, जबकी 85 प्रतिशत सांप विषहीन होते है। सांप काटने पर शरीर पर दो निशान पाये जाते है। दोनों निशान के बीच में लगभग 1 से.मी.से 2.5 से.मी.गैप पाया जाता है। जहरीले सांप के निशान गहरें होते है। जिसकी गहरायी 2 से 7 मि.मी.मे पायी जा सकती है। जहरीलें सांप का मुंह चौड़ा होता है। जबकि जो विषहीन सांप होते है उनका मुंह चौड़ा नही होता बल्कि लम्बा होता है अगर सांप जहरीला नही है तो उसके काटने के छोटे-छोटे कई निशान बने होगें जो ज्यादा गहरें होते है। नोडल अधिकारी डा.संतोष कुमार जायसवाल द्वारा विस्तार से बताया गया कि वर्ष 2020 से अध्ययन से भारत में लगभग 58हजार सांप काटने के केस पाये जाते है। जबकि वास्तविक संख्याएं इससे अधिक हो सकती है। उसकी एक वजह यह है कि उपचार के लिये ग्रसित मरीज स्वास्थ्य केन्द्र तक नही पहुंच पाता है। बल्कि वह झाड़-फूक के चक्कर में कई बार लोग अपनी जान तक गवां बैठते है। जबकि जागरूकता के माध्यम से किसानों एवं ग्रामीण सामुदायों को सर्पदंश की महत्व को बताते हुये जान बचाया जा सकता है। जिला महामारी रोग विशेषज्ञ डॉ.जिआउल हक द्वारा बताया गया कि सर्पदंश के दौरान क्या करें क्या ना करें तथा बचाव हेतु सुझाव दिया गया। क्या करें घाव को साबुन एवं साफ पानी से धोयें, सोते समय खाट, बेड एवं नेट का प्रयोग करें, शरीर के प्रभावित हिस्सें से अंगूठियॉ, घड़ी, आभूषण, जूत व तंग कपडे़ इत्यादि को हटा दें। सांप के रंग और आकार को देखने एवं याद रखने की कोशिश करें, पीड़ित व्यक्ति को यह भरोसा दिलाये 85प्रतिशत सॉप जहरीलें नही होते, रात्रि समय अंधरे में लाईट/टार्च का प्रयोग करें, तुरन्त 108/102 पर एम्बुलेंस के लिये कॉल करें, अंधरे में खेत में जाते समय लम्बी छड़ी का प्रयोग करें, पीडित व्यक्ति को नजदीकीय चिकित्सालय ले जायें, जहॉ पर डाक्टर एवं एन्टीवेनम उपलब्ध हो। उक्त बैठक में अपर मु.चि.अ.डॉ.बी.सी.पन्त, उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.डी.के. सिंह उपस्थित रहे।

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