- लक्ष्मण-परशुराम संवाद देख दर्शक हुए रोमांचित
जौनपुर धारा, जौनपुर। कचगांव क्षेत्र के गोपीपुर गांव में शुरू हुआ 177वर्ष पुरानी ऐतिहासिक बुढवा बाबा रामलीला समिति में बुधवार को सीता स्वयंवर व परशुराम लक्ष्मण सवांद का भावपूर्ण मंचन किया गया। रामलीला का शुभारंभ जिला पंचायत सदस्य अमरेश रतन सिंह रंगीले ने फीता काटकर एवं पूर्व प्रधान मनोज सिंह ने राम-सीता मइया जी का आरती उतार कर किया। बुधवार की रात रामलीला मंचन में सीता स्वयंवर में जब्ा राजागण धनुष हिला न सके तो राजा जनक के मन मे बेटी विवाह को लेकर चिंता व्याप्त हो गयी। हताश होकर उहोंने कहा कि तजहु आस नजी निज गृह जाहू, लिखा न विधि वैदेही वहि बाहु। इस प्रकार उनके हताशा भरे वाक्य को सुनकर जहाँ लक्ष्मण का क्षत्रिय पुरुषार्थ जागृत हो उठा, वहीं पर विश्वामित्र ने राम को संकेत कर जनक का संताप दूर करने को कहा। इस पर रानी जब श्रीराम को धनुष शाला की ओर बढते देखती है तो वे राजा से बालक को रोकने का आग्रह करती है। मगर ज्ञानी विदेह राज को विश्वामित्र के निणर्य पर अटल विश्वास था। इसलिए वे चुप रहते हैं। अन्त में राम शिव धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाने के लिए डोरी खीचते हैं, तभी धनुष टूट जाता हैं। धनुष टूटते ही राजा का प्रण पूरा होता है, और राम के गले मे सीता वरमाला डालकर वरण करती हैं। इस दौरान राम के जयकारे से पूरा वातावरण गुंजायमय हो जाता हैं। फिर लक्ष्मण व परशुराम के संवाद देखकर दर्शक रोमांचित हो जाते हैं। राम का अभिनय अमन सिंह, लक्ष्मण अनुभव सिंह, सीता आदर्श, जनक मनोज सिंह, परशुराम बिरजू सिंह, विश्वामित्र दिनेश सिंह, धोधुया अनुज सिंह व रामण अमित सिंह सिंटू ने किया। इस अवसर पर समाजसेवी अतुल सिंह, प्रबंधक सन्तोष सिंह दादा, डारेक्टर मनोज सिंह महाजन, कोषाध्यक्ष मास्टर छोटे लाल सिंह, महामंत्री शिव शंकर सिंह बचानू, अखिलेन्द सिंह, संगठन मंत्री अनुज सिंह, संचालक अमित सिंह जुगनू, हरिकेश सिंह, अरविन्द सिंह, रमेश सिंह, संतोष सिंह एडवोकेट, रजनीश चौबे, विपिन सिंह पिंटू, अजय सिंह जमीदार, नीरज सिंह, विपिन राजभर एवं मीडिया प्रभारी वन्देश सिंह, प्रभाकर सिंह उपस्थित रहे।