जौनपुर धारा, जौनपुर। कृषि विभाग द्वारा गुरुवार को विकास खण्ड मुफ्तीगंज स्थित बीआरसी सभागार में उत्तर प्रदेश अन्न(मिलेट्स) पुनरोद्धार योजनांतर्गत स्कूल अध्यापकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें अन्न (मिलेट्स)के उत्पादन, महत्व एवं उपयोगिता से अध्यापकों को प्रशिक्षित किया गया। प्रशिक्षक उप परियोजना निदेशक(आत्मा) कृषि प्रसार डॉ.रमेश चंद्र यादव ने अध्यापकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि कुपोषण की मुश्किल चुनौती जो एक बड़ी आबादी को घेरे हुए हैं। उससे छुटकारा पाने के लिए सबसे कारगर तरीका है। मोटे अनाज का सेवन, कभी हमारे जीवन में आहार का महत्वपूर्ण अंग होने वाले मोटे अनाज आज हमारे जीवन आधार से काफी दूर हो चुके हैं। हरित क्रांति से पहले यही मोटे अनाज हमारी जीवनशैली में शामिल थे, हमारे पुरखों की लंबी उम्र और सेहत का असली राज मोटे अनाज हुआ करते थे, जो उन्हें सर्दी, गर्मी और बरसात से बेपरवाह रखते थे। पौष्टिकता से भरपूर इन अनाजों को कम लागत पर उत्पादन किया जा सकता है। कृषि वैज्ञानिक डॉ.संदीप कुमार ने मिलेट्स की उत्पादन तकनीकी, उसके महत्व एवं उपयोगिता को बताया तथा लगने वाले रोगों एवं कीटो से जैविक तकनीकी से बचाव की जानकारी दिया। अध्यक्षता खण्ड शिक्षा अधिकारी कन्हैया लाल तथा संचालन एडीओ एजी.शिवम गुप्ता ने किया। इस मौके पर बेसिक शिक्षा विभाग के 50 शिक्षक/शिक्षिकाएं मौजूद रहे।
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Jaunpur Dhara News : कुपोषण से बचने का कारगर तरीका है मोटा अनाज
