#मिट्टी के #बर्तन बनाने की कला एक ऐसी कला है, जिसके जरिए विभिन्न प्रकार की वस्तुओं का निर्माण किया जा सकता है। फूलों के बर्तन हों, टेराकोटा चाइम्स हों या फिर प्यास बुझाने वाली ‘सुराही’ और ‘मटकी’, ये विभिन्न रूपों में इस कला का महत्व हमें दिखाई देता है। यह कला और शिल्प के रूप में मिट्टी के बर्तन बनाने की प्रक्रिया #देश के कोने-कोने में #प्रचलित है। यदि आप ग्रामीण इलाकों और #’कुम्हारों के गांवों’ की यात्रा करते हैं, तो इस शिल्प के आर्थिक महत्व को आप भली-भांति समझ पाएंगे। भारत के कई हिस्सों में निर्वाह कृषि के साथ-साथ लोग पारंपरिक कुम्हार के पहियों और भट्टों का उपयोग करके मिट्टी के बर्तनों को बनाने की प्रक्रिया में संलग्न हैं। विशेष रूप से त्योहारी मौसम के दौरान मिट्टी के बर्तन हाट, बाज़ारों और शहरी बाज़ारों का एक अभिन्न अंग बन जाते है। आज की तनावपूर्ण दुनिया में, इस तरह के शौक की सकारात्मकता को देखते हुए इसकी लागत अधिक नहीं है।
The art of #making #pottery is an art through which #various #types of items can be made. Be it flower pots, terracotta chimes or thirst #quenching #’surahi’ and ‘matki’, we see the importance of this art in different forms. This process of making pottery as an art and craft is prevalent in every corner of the country. If you travel to rural areas and ‘potters’ villages’, you will be able to better understand the economic importance of this craft.
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