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the number of patients is increasing rapidly in the district : डेंगू ने बढ़ाई मुश्किल, जनपद में तेजी से बढ़ रही मरीजों की संख्या

  • छिड़काव न होने से लोगों को सता रहा वायरल बीमारियों के बढ़ने का खतरा
  • डाक्टरों के यहां लग रही कतार, लापरवाही न बरतने की दी जा रही सलाह

जौनपुर धारा, जौनपुर। जनपद में साफ-सफाई न होने पर डेंगू के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। जिससे लोगों में काफी दहशत का माहौल है। घरों में डेंगू के लार्वा न पनपें इसके लिए कई उपाय किए जा रहे हैं इसके बावजूद भी मच्छर लोगों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। गली-मोहल्लों में कूड़ा और गन्दगी का अम्बार लगा हुआ है। जिससे तमाम तरह की बीमारियां जन्म ले रही है। डाक्टरों के यहां ये हाल है कि लाइन लग रही है। अचानक से प्लेटलेट नीचे पहुंच जा रहा है। जिससे लोगों में बुखार, सर दर्द, जोड़ों में दर्द की शिकायतें आ रही है। वहीं स्वास्थ्य विभाग के लोग एंटी लार्वा केमिकल का छिड़काव केवल सड़कों पर ही करते दिखाई देते हैं जबकि गलियों में डेंगू के लार्वा सबसे जयादा होते हैं।

मौसम में बदलाव होते ही डेंगू और वायरल बीमारियों के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। आस-पास गंदगी होने से डेंगू का प्रकोप लोगों को सता रहा है। इधर कुछ दिनों में मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। डॉक्टर लोगों को बचाव करने की सलाह दे रहे हैं। हल्का बुखार होने पर भी लोग घबरा जा रहे हैं कि कहीं डेंगू का लक्षण तो नहीं। आजकल वायरल भी चल रहा है जिसकी वजह से लोग सर्दी, बुखार से पीड़ित हैं। बुखार होने पर लोग जांच कराने में जरा भी लापरवाही नहीं कर रहे हैं। डाक्टरों का कहना है कि वायरल की वजह से बुखार, सर्दी के मरीज ज्यादा आ रहे हैं जो सही से इलाज होने पर आराम हो जाता है लेकिन डेंगू का लक्षण होने पर उसका परमानेंट इलाज जरूरी है। डेंगू के मरीजों में तेज बुखार, कंपकपी, सर दर्द, जोड़ों में दर्द की शिकायतें ज्यादा आ रही है।

अगर कोई मरीज इसका परमानेंट इलाज नहीं करता है, तो उसके शरीर के लिए ये काफी नुकसानदेय साबित हो सकता है। इसलिए बुखार होने पर तुरन्त डक्टर से सम्पर्क करके उचित इलाज कराना चाहिए। डेंगू और वायरल बीमारियों के फैलने की सबसे बड़ी वजह ये है कि गली-मोहल्लों में कूड़े का अम्बार लगा हुआ है। जगह-जगह जलजमाव है जो मच्छरों के लिए आरामगाह बना हुआ है। हालांकि कुछ स्थानों पर सफाईकर्मियों द्वारा साफ-सफाई की जाती है लेकिन कुछ स्थान ऐसे हैं जहां सफाईकर्मी कभी-कभी दिखते हैं जिससे गन्दगी का अम्बार लग जाता है। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से एंटी लार्वा केमिकल का छिड़काव तो कराया जा रहा है लेकिन वे केवल सड़कों तक ही सीमित हैं। जबकि वायरल बीमारियों और डेंगू के मरीज सबसे ज्यादा गली-मोहल्लों में पाए जा रहे हैं। डेंगू के मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिला अस्पताल में बेड की संख्या भी बढ़ाई गई है। इन बीमारियों से सम्बन्धित जो भी मरीज डक्टरों के यहां पहुंच रहे हैं डाक्टर उन्हें बचाव की जानकारी दे रहे हैं कि पूरी आस्तीन का कपड़ा पहन कर सोएं। अपने घर के अन्दर व बाहर साफ-सफाई रखें। बुखार होने पर तुरन्त चिकित्सक से सम्पर्क करें।

डेंगू के सामान्य लक्षण

तेज बुखार, सिर दर्द, मांसपेशियों या जोड़ों में दर्द, जी मिचलाना, उल्टी आना, आँखों में दर्द होना और शरीर के विभिन्न अंगों में सूजन की दिक्कत आ रही है तो तुरन्त चिकित्सक से सम्पर्क करना चाहिए। चिकित्सक जो उपचार या सावधानी बरतने को बोले उसे करना चाहिए नहीं तो स्थिति गम्भीर हो सकती है।

सावधानी से हो सकता है समाधान

डेंगू से खुद को सुरक्षित रखने का प्राथमिक तरीका मच्छर के काटने से दूरी बनाए रखना और टीकाकरण है। डेंगू फैलाने वाले मच्छर रुके हुए पानी में पनपते हैं इससे बचने के लिए टायर, प्लास्टिक कवर, फूल के बर्तन, पालतू जानवरों के पानी के कटोरे आदि जैसी चीजों को ढकें। इन मच्छरों के प्रजनन के लिए उपलब्ध आवास को कम करने (स्थिर पानी को खाली करने से) से डेंगू की रोकथाम में सहायता मिल सकती है। साफ और सुरक्षित कपड़े पहनें, मच्छरों के काटने से बचने के लिए लंबी बाजू के कपड़े और मोटे पैंट, मोजे और सुरक्षित जूते पहनें। सोने के लिए मच्छरदानी के इस्तेमाल से भी मच्छरों के काटने से सुरक्षा मिल सकती है।

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