(एजेन्सी)। शनिवार की सुबह इजरायल ने ईरान पर 100 विमानों के के साथ एयर स्ट्राइक को अंजाम दिया गया। इस हमले के बाद अब अमेरिका अलर्ट है और ईरान से पलटवार न करने की चेतावनी दे रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने शनिवार को चुप्पी तोड़ी। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि इजरायल ने ईरान के खिलाफ अपने जवाबी हमले में विशेष रूप से सैन्य लक्ष्यों को निशाना बनाया है।

अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने ईरान में सैन्य स्थलों पर इजरायल के हमलों का जवाब देने के खिलाफ ईरान को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि ईरान को इजरायल के हमलों का जवाब देने की गलती नहीं करनी चाहिए, जो एक दूसरे पर अटैक के अंत का संकेत होना चाहिए। इजरायली हमले को लेकर सबसे ज्यादा चिंता इस बात की थी कि अटैक न्यूक्लियर साइट्स पर न हो। अमेरिका ऐसा न करने का दबाव भी इजरायल पर बनाता रहा है। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के चीफ ने एक्स पर जानकारी दी कि इजरायल की एयर स्ट्राइक में न्यूक्लियर फैसिलिटी क्षतिग्रस्त नहीं हुई। राफेल मारियानो ग्रॉसी ने लिखा, ‘ईरान की परमाणु फैसिलिटी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है।
राष्ट्रपति ने दी चेतावनी
ईरान ने कहा कि इजराइल की ओर से किए गए हवाई हमलों में मरने वालों की संख्या बढ़कर चार हो गई है। ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी घ्Rर्A ने अपनी खबर में बताया गया कि चारों मृतक देश के वायु रक्षा प्रतिष्ठानों में कार्यरत थे। हालांकि, उसने यह नहीं बताया कि वे देश के किस हिस्से में तैनात थे। ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान ने एक पोस्ट में मारे गए चार लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की। राष्ट्रपति ने भविष्य के हमलों को लेकर चेतावनी दी।
मिसाइल प्रोडक्शन यूनिट को किया तबाह
आकलन करने वाले विशेषज्ञों के मुताबिक, सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला है कि इजरायली हवाई हमलों ने उन इमारतों को निशाना बनाया जिनका इस्तेमाल ईरान बैलिस्टिक मिसाइलों के लिए सॉलिड फ्यूल मिक्सिंग के लिए करता था।
ईरान ने मानी ‘सीमित क्षति’ की बात
हमले के बाद, ईरान की प्रतिक्रिया का दायरा निर्धारित करने के लिए तेहरान में कई उच्च-स्तरीय बैठकें आयोजित की गईं। ईरान का कहना है कि इन हमलों में उसे ‘सीमित क्षति’ हुई है। लेकिन तेहरान और उसके आसपास के कई रिवोल्यूशनरी गार्ड के ठिकानों पर हमला हुआ।